विनोद बाबू अर्गल/भिंड। Dulha-Dulhan News: अभी मध्य प्रदेश की बोर्ड की परीक्षाओं का समय चल रहा है और सोमवार को 12वीं कक्षा का दुल्हन के सब्जेक्ट राजनीत शास्त्र का लास्ट पेपर था। इसी दौरान लास्ट पेपर देने के लिए एक अचरज भरा मामला सामने आया। जहां पर नई नवेली दुल्हन दुल्हन शादी का फेर लेने के तुरंत बाद अपने ससुराल न पहुंचने हुए शासकीय हाई सेकेंडरी स्कूल उमरी में कक्षा 12वीं का पेपर देने पहुंची।
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कृष्णा उम्र 19 वर्ष निवासी रौन का संबंध अजय निवासी सोनेलाल का पूरा उत्तर प्रदेश से हो गया था। दिनांक 22 मार्च 2025 को मंडप 23 मार्च को टीका और 24 मार्च को इनका विदाई कार्यक्रम था। नई नवेली दुल्हन सज धज कर हाथों में मेहंदी लगी हुई और कंगन पहने हुई और स्कूल में पेपर देने आई। सोमवार को सुबह शासकीय हाई सेकेंडरी स्कूल उमरी में राजनीति शास्त्र की परीक्षा देने के लिए कॉलेज के संस्थागत कृष्णा जारोलिया शादी के जोड़े में नवेली दुल्हन के रूप में पहुंच गई। उनको परीक्षार्थी व शिक्षक हतप्रत होकर देखते रहे।
दुल्हन के रूप में परीक्षा देने आई 19 वर्षीय कृष्णा जारोलिया ने बताया की शादी तय होने के बाद बोर्ड परीक्षा की स्कीम आने पर पता लगा की शादी के अगले दिन ही राजनीति शास्त्र विषय का पेपर है। इस बात पर ससुराल पक्ष को अवगत कराया। इस पर पति अजय ने पढ़ाई पर पूरा ध्यान करने का समर्थन किया और समर्थन देने के बाद करते हुए सोमवार को परीक्षा अपनी मौजूदगी में करने की सहमति विधि और परीक्षा कराई।
क्या शादी के बाद दुल्हन परीक्षा देने जा सकती है?
हां, यदि शादी के बाद परीक्षा की तारीख आती है और छात्रा पूरी तरह से तैयार है, तो वह परीक्षा दे सकती है, जैसे कि कृष्णा जारोलिया ने अपनी परीक्षा दी।
कृष्णा जारोलिया ने दुल्हन के रूप में परीक्षा क्यों दी?
कृष्णा जारोलिया ने अपनी शादी के बाद भी बोर्ड परीक्षा में हिस्सा लिया क्योंकि परीक्षा की तारीख शादी के एक दिन बाद थी और उसके पति ने उसे पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने के लिए पूरी तरह से समर्थन किया।
क्या शादी के दिन परीक्षा देने की अनुमति होती है?
शादी के दिन परीक्षा देने की अनुमति आमतौर पर बोर्ड की परीक्षा में होती है, बशर्ते विद्यार्थी ने पहले से स्कूल और परिवार से सहमति प्राप्त की हो, जैसा कि कृष्णा जारोलिया ने किया।
क्या परीक्षा के दौरान किसी को ड्रेस कोड की समस्या हो सकती है?
परीक्षा में सामान्य ड्रेस कोड का पालन जरूरी होता है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में, जैसे कृष्णा के मामले में, विद्यालय प्रशासन विशेष अनुमति दे सकता है।