दतिया: Datia Royal Family News: लंबे समय से चले आ रहे विवादों के बाद आखिरकार दतिया राजघराने को नया महाराज मिल गया। पारंपरिक रीति-रिवाजों और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राव राजा राहुल देव सिंह जूदेव का राज्याभिषेक विधिवत रूप से संपन्न हुआ। उन्हें अब से “महाराज गोविंद देव सिंह जूदेव” के नाम से जाना जाएगा।
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Datia Royal Family News: इस भव्य समारोह का आयोजन दतिया के ऐतिहासिक “दादा महाराज की कोठी” पर किया गया, जहां राव राजा राहुल देव सिंह को महाराज गोविंद सिंह के छोटे पुत्र राव राजा जसवंत सिंह जूदेव की गद्दी पर विधिपूर्वक विराजमान किया गया। राज्याभिषेक के दौरान पगड़ी बांधकर उन्हें दतिया का 14वां महाराज घोषित किया गया। इस ऐतिहासिक मौके पर काशी से पधारे विद्वान पंडितों ने पारंपरिक वैदिक विधान के अनुसार सभी रस्में संपन्न कराईं। गज पूजन, अश्व पूजन, विप्र पूजन जैसे धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से पशु प्रेम, धर्म आस्था और ब्राह्मणों के सम्मान का भाव प्रकट किया गया। मंच पर शिव तांडव और आरती का आयोजन भी श्रद्धा का केंद्र रहा।
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Datia Royal Family News: राज्याभिषेक समारोह में देशभर से तमाम रियासतों के प्रतिनिधियों और प्रमुख हस्तियों ने शिरकत की। लगभग दो दर्जन से अधिक रियासतों के मुखिया इस कार्यक्रम का हिस्सा बने। वहीं, एफएफडब्ल्यू रेसलर एवं एशिया चैंपियन प्रिंस आदवंशी और आध्यात्मिक संत इशिका तनेजा विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। रियल एस्टेट जगत से जुड़े कई गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।
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Datia Royal Family News: गौरतलब है कि वर्तमान महाराज अरुणादित्य सिंह जूदेव और क्षत्रिय समाज के विरोध के बीच यह राज्याभिषेक विवादों से घिरा रहा। बावजूद इसके, पारंपरिक गरिमा और शाही ठाठ-बाट के साथ राहुल देव सिंह को गद्दी पर बैठाया गया। राज्याभिषेक के उपरांत महाराज गोविंद देव सिंह जूदेव ने अपने आराध्य श्री जी को असली राजा मानते हुए स्वयं को उनका दास घोषित किया, जिससे राजधर्म और आस्था की गूंज समारोह में प्रतिध्वनित होती रही।
दतिया के नए महाराज कौन हैं और उन्हें क्या नाम दिया गया है?
दतिया के नए महाराज राव राजा राहुल देव सिंह जूदेव हैं, जिन्हें राज्याभिषेक के बाद “महाराज गोविंद देव सिंह जूदेव” के नाम से जाना जाएगा।
यह राज्याभिषेक कहां और कैसे आयोजित किया गया?
यह भव्य समारोह दतिया की ऐतिहासिक “दादा महाराज की कोठी” पर पारंपरिक वैदिक विधानों और शाही रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुआ। इसमें पगड़ी बांधकर राहुल देव सिंह को 14वें महाराज के रूप में गद्दी पर बैठाया गया।
राज्याभिषेक में कौन-कौन शामिल हुआ?
राज्याभिषेक में लगभग दो दर्जन से अधिक रियासतों के मुखिया, एफएफडब्ल्यू रेसलर एवं एशिया चैंपियन प्रिंस आदवंशी, संत इशिका तनेजा, रियल एस्टेट जगत के प्रमुख लोग और काशी से पधारे विद्वान पंडित शामिल रहे।
यह राज्याभिषेक विवादों में क्यों था?
यह राज्याभिषेक वर्तमान महाराज अरुणादित्य सिंह जूदेव और क्षत्रिय समाज के विरोध के कारण विवादों में रहा। बावजूद इसके, परंपरागत विधियों के साथ राज्याभिषेक सम्पन्न किया गया।
क्या यह राज्याभिषेक किसी विशेष कारण से ऐतिहासिक माना जा रहा है?
जी हां, यह राज्याभिषेक इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि यह भारत का पहला ऐसा सार्वजनिक राज्याभिषेक है जिसे इतनी भव्यता और पारंपरिक रीति से आयोजित किया गया। इसमें गज पूजा, अश्व पूजा, विप्र पूजा जैसे दुर्लभ अनुष्ठान भी शामिल रहे।