नई दिल्ली। Amit Shah in Rajya Sabha: आपदा प्रबंधन में आर्थिक सहायता देने में कुछ राज्यों के साथ भेदभाव के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में दावा किया कि पिछले दस साल में भारत आपदा प्रबंधन के मामले में राष्ट्रीय ही नहीं क्षेत्रीय एवं वैश्विक ताकत बनकर उभरा है तथा इसे दुनिया भी यह स्वीकार कर रही है। उच्च सदन में शाह ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इसमें सत्ता के केंद्रीयकरण का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के बारे में इस विधेयक में न केवल प्रतिक्रियात्मक रवैया अपनाने बल्कि पहले से तैयारी करने, अभिनव प्रयासों वाले और सभी की भागीदारी वाले रवैये को अपनाने पर जोर दिया गया है।
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Amit Shah in Rajya Sabha : अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा के जोखिमों को घटाने के लिए विश्व के समक्ष जो 10 सूत्री एजेंडा रखा है, उसे 40 देशों ने अपना लिया है और उसका पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधयक में न केवल राज्य सरकारों बल्कि आम लोगों की भागीदारी का प्रावधान किया गया है।
शाह ने कहा, ‘‘पिछले दस सालों में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में जो परिवर्तन आया है, हम राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ क्षेत्रीय एवं वैश्विक ताकत बनकर उभरे हैं, यह पूरी दुनिया स्वीकार करती है। भारत की सफलता गाथा को लंबे समय तक बनाये रखने के लिए यह विधेयक लाया गया है।’’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सफलता गाथा सरकार की नहीं पूरे देश की है।
विपक्ष के सवालों पर शाह का जवाब
बता दें कि चर्चा में कई विपक्षी सदस्यों ने आपदा सहायता के मामले में केंद्र सरकार पर गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया था। इसी का जवाब देते हुए शाह ने कहा, ‘‘वित्त आयोग ने आपदा सहायता के लिए एक वैज्ञानिक व्यवस्था की है। इससे एक भी कानी पाई कम किसी भी राज्य को नरेन्द्र मोदी सरकार ने नहीं दी है, बल्कि हमने ज्यादा दिया है।’’
15-20 साल तक किसी का नंबर नहीं लगने वाला शाह
विधेयक पर संशोधन लाये जाने की जरूरत को स्पष्ट करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यदि किसी इमारत की समय-समय पर मरम्मत न हो तो वह खराब हो जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम समय की जरूरत के अनुसार कानून में बदलाव करें तो क्या आपत्ति है। उन्होंने कहा, शायद उनको (विपक्षी सदस्यों को) लगता है कि हम (सत्ता में) आयेंगे तो बदलेंगे तो बहुत देर है…15-20 साल तक किसी का नंबर नहीं लगने वाला। जो कुछ करना है, हमें करना है, लंबे समय तक।
अमित शाह ने राज्यसभा में आपदा प्रबंधन पर क्या कहा?
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि भारत पिछले दस वर्षों में आपदा प्रबंधन के मामले में राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक ताकत बनकर उभरा है। उन्होंने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक में तैयारियों और सभी की भागीदारी पर जोर दिया, और इसका उद्देश्य भारत की आपदा प्रबंधन सफलता को बनाए रखना है।
विपक्ष ने आपदा सहायता में भेदभाव का आरोप क्यों लगाया था?
विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ आपदा सहायता के मामले में भेदभाव कर रही है। इस पर अमित शाह ने कहा कि वित्त आयोग ने आपदा सहायता के लिए वैज्ञानिक व्यवस्था बनाई है, और मोदी सरकार ने किसी राज्य को कम सहायता नहीं दी है, बल्कि अधिक सहायता दी है।
अमित शाह ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक में क्या बदलाव किए हैं?
अमित शाह ने कहा कि इस विधेयक में आपदा प्रबंधन के लिए प्रतिक्रियात्मक नहीं बल्कि पूर्व-निर्धारित तैयारियों और अभिनव प्रयासों पर जोर दिया गया है। इसमें राज्य सरकारों के साथ-साथ आम लोगों की भी भागीदारी का प्रावधान किया गया है।
क्या अमित शाह ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया?
हां, अमित शाह ने विपक्षी आरोपों का जवाब दिया और कहा कि आपदा सहायता में किसी भी राज्य के साथ भेदभाव नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक सरकार की नहीं, बल्कि पूरे देश की सफलता की गाथा है।
अमित शाह ने “15-20 साल तक किसी का नंबर नहीं लगने वाला” का क्या मतलब बताया?
अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सदस्य शायद यह सोचते हैं कि अगर वे सत्ता में आएंगे तो बदलाव करेंगे, लेकिन वह यह स्पष्ट करना चाहते थे कि उन्हें लंबी अवधि के लिए काम करना है और इसे करने का समय अब है।