अवमानना याचिका पर प्रमुख सचिव (गृह) को नोटिस जारी |

Ankit
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प्रयागराज, 16 अप्रैल (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 31 जनवरी, 2025 के आदेश का अनुपालन करने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद को और एक महीने का समय दिया है। अदालत ने अपने पूर्व के आदेश में राज्य स्तरीय समिति को याचिकाकर्ता की सुरक्षा की मांग वाले आवेदन पर एक तर्कयुक्त आदेश पारित करने को कहा था।


न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने मेरठ के अभिषेक सोम द्वारा दायर अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया। सोम ने 31 जनवरी के आदेश के अनुपालन में 10 फरवरी को एक विस्तृत प्रतिवेदन प्रमुख सचिव को सौंपा था, लेकिन अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया।

अदालत ने मंगलवार को कहा, “इस मामले के रिकॉर्ड को देखने पर प्रतिवादी के खिलाफ प्रथम दृष्टया अवमानना का मामला बनता है। प्रतिवादी को नोटिस जारी किया जाए। हालांकि न्याय हित में अदालत के आदेश का एक महीने की अवधि में अनुपालन करने के लिए प्रतिवादी को और एक मौका दिया जाता है।”

अदालत ने कहा, “अगली तिथि तक यदि अदालत के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया जाता और इस संबंध में हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता तो प्रतिवादी अगली तिथि पर इस अदालत के समक्ष पेश होंगे और यह बताएंगे कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों ना शुरू की जाए।”

अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 19 मई, 2025 तय की।

उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने 28 फरवरी, 2025 को प्रमुख सचिव (गृह) को दिए विस्तृत प्रतिवेदन में अपने लिए इस आधार पर सुरक्षा की मांग की कि उन्हें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जान का खतरा है और उन्हें 15 जनवरी को इस गिरोह से जान से मारने की धमकी मिली थी।

भाषा सं राजेंद्र मनीषा

मनीषा



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