भोपाल, 15 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने योग गुरु बाबा रामदेव के शरबत ‘जेहाद’ वाले बयान को देश में धार्मिक सद्भाव के माहौल को बिगाड़ने का ‘कुत्सित प्रयास’ करार देते हुए मंगलवार को यहां स्थानीय थाने में एक शिकायत दर्ज कराई और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रामदेव का यह बयान धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला एवं वैमनस्यपूर्ण एवं धार्मिक भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है तथा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।
ज्ञात हो कि रामदेव का एक वीडियो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें वह पतंजलि के शरबत का प्रचार करने के दौरान यह कहते हुए देखे और सुने जा सकते हैं कि शरबत के नाम पर एक कंपनी है जो शरबत तो देती है लेकिन शरबत से जो पैसा मिलता है उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है।
रामदेव ने कहा, ‘‘अगर आप वो शरबत पिएंगे तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे और पतंजलि का शरबत पिएंगे तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा। इसलिए मैं कहता हूं ये ‘शरबत जेहाद’ है। जैसे ‘लव जेहाद’, ‘वोट जेहाद’ चल रहा है वैसे ही ‘शरबत जेहाद’ भी चल रहा है।’’
राज्यसभा सदस्य सिंह ने कहा कि रामदेव ने अपने ‘गुलाब’ शरबत को बेचने के लिए ‘रूह अफजा’ शरबत को हिंदू-मुस्लिम विवाद में डाल दिया और मोहब्बत के शरबत को ‘शरबत जेहाद’ का नाम दे दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संविधान ऐसे नफरत भरे बयान देने की खिलाफत करता है जो आपस में बैर भाव उत्पन्न करें और देश का सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास करें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रामदेव का यह बयान धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला, वैमनस्यपूर्ण एवं धार्मिक भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है तथा भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 196 (1) (क), 299 एवं आईटी कानून की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है।’’
सिंह ने कहा कि ‘व्यापारी’ रामदेव ने बिना नाम लिये जिस शरबत कंपनी का जिक्र किया है उस ‘हमदर्द’ कंपनी को पूरा देश जानता है और यह हमारे देश में लगभग 100 वर्षां से आयुर्वेदिक एवं यूनानी दवाओं का व्यापार कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘व्यापारी’ रामदेव का ‘रूह अफजा’ शरबत का विरोध सिर्फ इसलिये है क्योंकि उस कंपनी का मालिक मुस्लिम है। यह पूरी तरह से नफरत फैलाने वाला भाषण देने का मामला है तथा उक्त शरबत की बिक्री को ‘शरबत जेहाद’ कहना असंवैधानिक है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश में विप्रो, सिप्ला, हिमालया एवं मेट्रो शूज जैसी कई बड़ी कंपनियों के मालिक मुस्लिम हैं, जिनमें काम करने वाले अधिकांश लोग हिन्दू हैं।
उन्होंने सवाल किया कि तो क्या वे अपनी कंपनी के माध्यम से जन-मानस में आईटी, दवा, आयुर्वेद एवं जूता जेहाद फैला रहे हैं और क्या उनमें काम करने वाले लोग जेहादी हैं?
स्थानीय टीटी नगर थाने में दर्ज शिकायत में सिंह ने कहा कि ‘व्यापारी’ रामदेव ने अपने उत्पाद की बिक्री अधिक बढ़ाने के लिये देशवासियों में धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया है। उन्होंने कहा कि रामदेव ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट के माध्यम से जारी वीडियो से देशवासियों के मध्य घृणा, नफरत व द्वेष फैलाने का जो कार्य किया है, वह अत्यंत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
उन्होंने कहा, ‘‘रामदेव के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1)(क), 299 एवं आईटी कानून की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर उचित व कठोर कार्यवाही करने का कष्ट करें।’’
बाद में पत्रकारों से चर्चा में सिंह ने कहा, ‘‘इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। मैं एक हफ्ते तक इंतजार करूंगा। अगर प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है तो मैं अदालत का शरण लूंगा।’’
सिंह ने रामदेव को ‘झूठ, अफवाह और सांप्रदायिकता का जहर फैलाने की चलती-फिरती दुकान’ करार दिया और आरोप लगाया कि उनकी निगाह पूरे देश की बेशकीमती जमीनों पर है।
उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश सरकार ने भी रामदेव को कई एकड़ जमीन दे रखी है, जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इंफोसिस कंपनी को दी गई जमीन इसलिए वापस ले ली गई थी क्योंकि उसका उपयोग नहीं रहा था।
उन्होंने कहा कि सरकार को इसी तर्ज पर रामदेव को दी गई जमीनों को भी वापस लेना चाहिए।
सिंह ने आरोप लगाया कि रामदेव केवल हिंदू धर्म के ‘सौदागर’ हैं जो ‘व्यापार’ और भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए सांप्रदायिक जहर फैलाने का काम करते हैं।
सिंह ने कहा कि वह रामदेव को बार-बार व्यापारी इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि जो भगवा वस्त्र पहनकर व्यवसाय करे, उसे कभी सम्मान के नजर से नहीं देखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रामदेव पूरी तरह से एक व्यावसायिक व्यक्ति हैं।
भाषा ब्रजेन्द्र संतोष
संतोष