अहमदाबाद, 14 अप्रैल (भाषा) आदिवासी नेता और गुजरात के पूर्व विधायक महेश वसावा ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़ने की घोषणा की। वह 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हुए थे।
महेश वसावा वरिष्ठ आदिवासी नेता छोटू वसावा के बेटे हैं। उन्होंने भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल के नाम लिखे एक खुले पत्र में कहा कि यह स्पष्ट है कि देश में संविधान का पालन नहीं किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर साझा किए गए इस पत्र में वसावा ने लिखा कि आदिवासी, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), मुस्लिम, ईसाई, सिख और गरीब “एक साथ चलेंगे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) व भाजपा की विचारधारा को खत्म करने के लिए मिलकर लड़ेंगे।”
वसावा ने कहा कि वह लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने लोगों से एकजुट होकर रहने का आग्रह किया।
पूर्व विधायक ने कहा, “भाजपा ने गुजरात के विकास के बारे में झूठ बोला है। मेरा किसी अन्य पार्टी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है।”
महेश वसावा 2012 और 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में डेडियापाड़ा से विधायक निर्वाचित हुए थे। हालांकि, 2022 के चुनाव में उन्होंने यह सीट आम आदमी पार्टी (आप) के चैतर वसावा के हाथों गंवा दी थी।
महेश वसावा 11 मार्च 2024 को भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में पार्टी में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ की थी।
हालांकि, उनके पिता छोटू वसावा ने उस समय उनके फैसले का विरोध किया था। छोटू वसावा ने महेश वसावा सीधा-सादा बताते हुए भाजपा पर उन्हें गुमराह करने का आरोप लगाया था।
महेश वसावा ने 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आरक्षित सीट झगड़िया से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा था। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने पिता के समर्थन में नामांकन वापस ले लिया, जो खुद एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में झगड़िया से किस्मत आजमा रहे थे।
छोटू वसावा अतीत में सात बार झगड़िया का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। हालांकि, 2022 में वह इस क्षेत्र से चुनाव हार गए।
भाषा पारुल माधव
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