अमरावती, 14 अप्रैल (भाषा) युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने सोमवार को कहा कि उसने हाल में पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है और आरोप लगाया है कि यह कानून प्रमुख संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करता है और मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा नहीं करता है।
पार्टी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह अधिनियम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 13, 14, 25 और 26 का उल्लंघन करता है, जो मौलिक अधिकारों, विधि के समक्ष समानता, धर्म की स्वतंत्रता और धार्मिक संप्रदायों को अपने मामलों के प्रबंधन की स्वायत्तता की गारंटी देते हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘अधिनियम की धारा 9 और 14 के तहत गैर-मुस्लिम सदस्यों को (वक्फ के मामलों में) शामिल करना वक्फ बोर्ड के आंतरिक कामकाज में हस्तक्षेप है और उनके धार्मिक चरित्र को कमजोर करता है।’
पार्टी ने कहा कि धार्मिक संस्थाओं को प्रशासनिक रूप से स्वतंत्र रहना चाहिए तथा चेतावनी दी कि बाहरी हस्तक्षेप से सांप्रदायिक सद्भाव और संवैधानिक सुरक्षा को नुकसान पहुंच सकता है।
संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को चार अप्रैल को पारित कर दिया और अगले ही दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया। कई संगठनों और विपक्षी सांसदों ने इस अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
भाषा नोमान दिलीप
दिलीप