अमेरिकी वीजा में देरी के कारण भारत को विश्व कप में पदक से हाथ धोना पड़ा: तीरंदाजी कोच तेजा |

Ankit
3 Min Read


कोलकाता, 10 अप्रैल (भाषा) भारतीय कोच जीवनजोत सिंह तेजा ने कहा कि देश की महिला कंपाउंड तीरंदाजी टीम वीजा में देरी के कारण अमेरिका में सत्र के पहले विश्व कप चरण एक टूर्नामेंट में नहीं खेल सकी जिससे टीम को पदक से हाथ धोना पड़ा।


दुनिया की नंबर एक भारतीय महिला कंपाउंड टीम ने 2024 में दांव पर लगे तीनों स्वर्ण पदक जीते थे। इसकी तीन सदस्य विश्व चैंपियन अदिति स्वामी, मधुरा धामनगांवकर और तनिपर्थी चिकिथा को समय पर अमेरिकी वीजा नहीं मिला जिसके कारण वे फ्लोरिडा के ऑरबर्नडेल में प्रतियोगिता में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकीं।

तेजा खुद अमेरिका नहीं जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से यह पदक से चूकने जैसा था। ’’

उन्होंने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘हमारी महिला टीम स्पर्धा जीतने की शत प्रतिशत संभावना थी। हमने पिछले साल शंघाई, येचियोन और अंताल्या में आयोजित विश्व कप के सभी तीन स्वर्ण पदक जीते थे। लेकिन दुर्भाग्य से वीजा में देरी के कारण हम इस बार अपना खिताब नहीं बचा सके। ’’

2022 में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता तेजा ने 2021 में तोक्यो में हरविंदर सिंह को भारत का पहला पैरालंपिक तीरंदाजी पदक (कांस्य) दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी। पिछले साल पेरिस पैरालंपिक में जब हरविंदर ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता था, तब भी वह मौजूद थे।

तेजा ने बताया कि भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) ने तीन महीने पहले वीजा के लिए आवेदन कर दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने तीन महीने पहले चयन ट्रायल आयोजित किए थे और टीम की घोषणा करने के तुरंत बाद हमने अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन कर दिया था। हमें ‘बैकलॉग’ के बारे में पता था। ’’

अमेरिकी दूतावास और बाद में खेल मंत्रालय के साथ प्रयासों के बावजूद वीजा आठ अप्रैल को जारी किए गए, तब तक कंपाउंड प्रतियोगिता शुरू हो चुकी थी।

भारत को इस टूर्नामेंट के लिए 23 सदस्यीय दल भेजना था जिसमें तीरंदाज, कोच और सहायक कर्मचारी शामिल थे।

पर बार-बार देरी के बाद केवल 14 सदस्यों के लिए वीजा की मंजूरी मिली।

एएआई ने इंस्टाग्राम पर एक अपील भी की थी। फिर विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप से वीजा मिल पाया। हालांकि नौ में से दो को वीजा देने से मना कर दिया गया जबकि अन्य सात को प्रतियोगिता शुरू होने के दिन आठ अप्रैल को मंजूरी मिली जिनमें तीन महिला कंपाउंड तीरंदाज शामिल थीं।

एएआई के सहायक सचिव गुंजन अबरोल ने पीटीआई को बताया, ‘‘प्रतियोगिता शुरू होने के बाद तीन कंपाउंड तीरंदाजों को भेजने का कोई मतलब नहीं था। हमें उनके टिकट रद्द करने पड़े। ’’

भारत दो रिकर्व तीरंदाज धीरज बोम्मादेवरा और अनीशा कुमारी को भेजने में कामयाब रहा जो एक दिन बाद होने वाली अपनी स्पर्धाओं के लिए समय पर पहुंच गए।

भाषा नमिता पंत

पंत



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *