नयी दिल्ली, 10 अप्रैल (भाषा) भारतीय रोजगार बाजार ने वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद गहन प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता, लागत दक्षता और तेजी से कौशल उन्नयन कार्यबल में अपनी ताकत के दम पर कई उद्योगों में मजबूत भर्ती के साथ जुझारूपन दिखाया है। एक भर्ती फर्म के शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही।
वैश्विक नियुक्ति कंपनी माइकल पेज इंडिया के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक निलय खंडेलवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कुछ क्षेत्रों में आर्थिक सुस्ती के कारण सजग भर्तियां हुई हैं, लेकिन भारत में खासकर प्रौद्योगिकी और डिजिटल रूपांतरण के क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों की मांग बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत ने प्रौद्योगिकी एवं इंजीनियरिंग क्षेत्र के प्रभुत्व, प्रतिस्पर्धी वेतन संरचनाओं, सरकार-समर्थित कौशल सुधार पहल और वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के विस्तार के जरिये खुद को सक्रियता से एक प्रतिभा केंद्र के रूप में स्थापित किया है।
खंडेलवाल ने कहा कि जीसीसी अब कृत्रिम मेधा (एआई), स्वचालन और शोध एवं विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे भारत नवाचार के लिए एक रणनीतिक केंद्र बन गया है। इसके अलावा, स्किल इंडिया और एआई-संचालित कार्यबल विकास जैसे कार्यक्रम पेशेवरों की रोजगार क्षमता को बढ़ा रहे हैं।
भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं गणित (स्टेम) में सालाना 25 लाख से अधिक स्नातक तैयार करता है, जिससे कंपनियों को कुशल पेशेवरों की टिकाऊ आपूर्ति मिलती है। भारत पश्चिमी बाजारों की तुलना में लागत के लिहाज से लाभपरक स्थिति में होने की वजह से वैश्विक कंपनियों के लिए पसंदीदा गंतव्य बन जाता है।
खंडेलवाल ने कहा, ‘‘प्रतिस्पर्धी वेतन संरचना, कम भर्ती लागत और एक मजबूत प्रतिभा भंडार भारत को एक प्रमुख वैश्विक प्रतिभा केंद्र के रूप में स्थान दिलाने में योगदान करते हैं।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली कर्मचारियों के मामले में अपनी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखने के लिए भारत को अपने कौशल विकास की रफ्तार तेज करनी चाहिए। देश को एआई और सेमीकंडक्टर उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए अधिक उच्च-कौशल वाले पेशेवरों की जरूरत है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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