मंबई, नौ अप्रैल (भाषा) शुल्क युद्ध के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि वह मुद्रास्फीति की तुलना में वृद्धि पर इसके प्रभाव को लेकर अधिक चिंतित हैं।
मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष के लिए पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आरबीआई ने 2025-26 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 0.20 प्रतिशत घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक भारत पर अमेरिकी शुल्क के प्रभाव का सवाल है, हमने अपना आकलन दे दिया है। हमने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वृद्धि दर अनुमान में 0.20 प्रतिशत की कमी की है। इसका प्रमुख कारण वैश्विक अनिश्चितता है।’’
मुद्रास्फीति के मोर्चे पर उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार शुल्क के कारण अधिशेष के साथ मांग में कमी की स्थिति हो सकती है…। यह मुद्रास्फीति के मोर्चे पर मदद कर सकता है।’’
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट आई है।
आरबीआई ने खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर चार प्रतिशत कर दिया है, जो चालू वित्त वर्ष के लिए पिछले अनुमान से 0.20 प्रतिशत कम है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति से अधिक हम इसके (शुल्क बढ़ने) आर्थिक वृद्धि पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर ज्यादा चिंतित हैं।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत सहित 60 देशों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की। यह नौ अप्रैल से प्रभावी हो गया है। भारत पर झींगा, कालीन, चिकित्सा उपकरण और स्वर्ण आभूषण सहित विभिन्न उत्पादों पर 26 प्रतिशत जवाबी शुल्क लगाया गया है।
भाषा रमण अजय
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