कटक, आठ अप्रैल (भाषा) उड़ीसा उच्च न्यायालय ने फरवरी में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) की एक नेपाली छात्रा की मौत के मामले में संस्थान के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की कार्यवाही पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति संजीव कुमार पाणिग्रही की एकल पीठ ने केआईआईटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि निजी मानद विश्वविद्यालय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती, जब तक कि उच्च न्यायालय 29 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई नहीं कर लेता।
पीठ ने एनएचआरसी सहित सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया और उन्हें तीन हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
नेपाली छात्रा (20) का शव 16 फरवरी को केआईआईटी परिसर के अंदर उसके छात्रावास के कमरे से बरामद किया गया था। इसके बाद, केआईआईटी परिसर में तनाव बढ़ गया था और विरोध-प्रदर्शन करने वाले नेपाली छात्रों पर हमला किए जाने के साथ, उनसे छात्रावास छोड़कर जाने के लिए कहा गया था।
एनएचआरसी ने पाया कि नेपाली छात्रा की मौत के मामले में केआईआईटी प्राधिकारियों की ओर से घोर लापरवाही बरती गई थी। इसके बाद, आयोग ने 27 मार्च को ओडिशा सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) से चार सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट मांगी थी।
भाषा पारुल सुभाष
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