भद्रवाह (जम्मू कश्मीर), आठ अप्रैल (भाषा) जम्मू कश्मीर में बर्फ पिघलने और पहाड़ी दर्रे खुलने के साथ ही सेना ने चेनाब घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ के प्रयास को विफल करने तथा शांति बनाए रखने के मकसद से डोडा जिले के घने वन क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है। सुरक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जाने के बीच भद्रवाह घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है।
पिछले महीने आतंकवादी यहां अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर कठुआ जिले में घुसपैठ करने में सफल रहे थे।
पिछले एक वर्ष में कठुआ, पाकिस्तान के आतंकवादियों के लिए उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जिलों के ऊपरी इलाकों तक पहुंचने में एक प्रमुख घुसपैठ मार्ग के रूप में उभरा है।
अधिकारियों ने बताया कि कठुआ में हाल में हुई मुठभेड़ों, आतंकवादियों के देखे जाने और बर्फ पिघलने के साथ ही सुरक्षा चिंताओं के बढ़ने के बाद यहां आगे और आतंकी गतिविधियों की आशंका के मद्देनजर सेना ने भद्रवाह घाटी के ऊंचे इलाकों में निगरानी उपायों को पुख्ता किया है।
हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट पांच पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह के साथ पहली मुठभेड़ के पांच दिन बाद 27 मार्च को कठुआ में भीषण मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी शहीद हुए और दो आतंकवादी मारे गए थे।
यहां एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन के खतरे के मद्देनजर कठिन परिस्थितियों के बावजूद भद्रवाह स्थित सेना की राष्ट्रीय राइफल्स इकाई ने बर्फ से ढके सियोज धार, पद्री गली, शंख पद्दर और चत्तरगला दर्रे के अलावा 15,500 फुट ऊंचे कैलाश कुंड पर्वतों पर निगरानी बढ़ा दी है।
उन्होंने कहा कि कठुआ, सांबा और उधमपुर की सीमा से लगे ऊंचाई वाले दर्रों पर अतिरिक्त जवानों को भेजने के अलावा, समुद्र तल से 10,531 फुट की ऊंचाई पर स्थित भद्रवाह-पठानकोट राजमार्ग पर सबसे ऊंचे स्थान चत्तरगल्ला दर्रे पर एक संयुक्त सुरक्षा चौकी स्थापित की जा रही है।
भाषा नरेश
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