न्यायाधीश पर टिप्पणी के लिए सतीश सालियान के वकील के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू

Ankit
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मुंबई, आठ अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिशा सालियान की मौत के मामले में अदालत के मौजूदा न्यायाधीश के खिलाफ ‘‘निंदनीय और अपमानजनक’’ टिप्पणी करने के आरोप में वकील नीलेश ओझा के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की।


सतीश सालियान की पैरवी करने वाले वकील ओझा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान न्यायाधीश के खिलाफ कथित तौर पर टिप्पणी की थी।

सतीश सालियान, दिशा सालियान के पिता हैं। उन्होंने अपनी बेटी की मौत के मामले की जांच के संबंध में उच्च न्यायालय का रुख किया है।

मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे, न्यायमूर्ति ए.एस चंदुरकर, न्यायमूर्ति एम. एस. सोनक, न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति ए. एस. गडकरी की वृहद पीठ ने कहा कि ओझा ने एक अप्रैल को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश और बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ ‘‘निंदनीय और अपमानजनक’’ टिप्पणियां की थीं।

अदालत ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया ये बयान आपराधिक अवमानना का है। हम रजिस्ट्री को ओझा को नोटिस जारी करने का निर्देश देते हैं।’’

अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को करेगी।

अदालत ने यूट्यूब और मराठी भाषा के एक समाचार चैनल को उक्त संवाददाता सम्मेलन का वीडियो तत्काल हटाने का निर्देश दिया है तथा भविष्य में इसे अपलोड करने पर भी रोक लगा दी है।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व प्रबंधक दिशा सालियान जून 2020 में मृत पाई गई थी।

पिछले महीने सतीश सालियान ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपनी बेटी की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले की नए सिरे से जांच करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

उन्होंने बताया कि याचिका में उच्च न्यायालय से शिवसेना (उबाठा) के नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश देने का आग्रह किया गया है।

याचिका में आरोप लगाया गया कि दिशा सालियान के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद अपराध में शामिल कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों को बचाने के लिए राजनीतिक रूप से साजिश रची गई।

एक अप्रैल को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सालियान के वकील नीलेश ओझा ने उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

वर्तमान न्यायाधीश को ही सालियान द्वारा दायर याचिका पर दो अप्रैल को सुनवाई करनी थी।

उच्च न्यायालय ने दो अप्रैल को कहा था कि यह याचिका न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की अध्यक्षता वाली पीठ के कार्यभार से संबंधित है और उसने उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री को आदेश दिया था कि वह मामले को उस पीठ के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए कदम उठाए।

भाषा प्रीति नरेश

नरेश



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