मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने बदलापुर में स्कूली बच्चियों से यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के लिए जिम्मेदार ठहराए गए पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की खंडपीठ ने पुलिस की अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त को मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का भी निर्देश दिया।
पीठ ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में ‘अनिच्छा’के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि इस तरह की कार्रवाई राज्य की वैधता और आम आदमी के आपराधिक न्याय प्रणाली में विश्वास को कमजोर करती है।
अदालत ने कहा, “मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के देखने के बाद हम इस बात से संतुष्ट हैं कि हिरासत में हुई मौत (शिंदे की) की गहन जांच की आवश्यकता है, क्योंकि वह पुलिस द्वारा चलाई गई गोली के कारण घायल हुआ था।”
पीठ ने कहा, “केवल न्याय नहीं किया जाना चाहिए बल्कि ऐसा प्रतीत होना चाहिए कि न्याय हुआ है। हमें उम्मीद और भरोसा है कि एसआईटी साजिश का पर्दाफाश करेगी।”
उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे कानून के प्रावधानों का पालन करें और यह सुनिश्चित करें कि जांच हो।
पीठ ने कहा कि जब प्रथम दृष्टया अपराध का खुलासा हो तो उसे तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाए।
अदालत ने पुलिस के अपराध विभाग के संयुक्त आयुक्त को पुलिस उपायुक्त की निगरानी में एक विशेष जांच दल गठित करने और प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
पीठ ने सरकार के वकील अमित देसाई द्वारा अदालत के आदेश पर रोक लगाने के अनुरोध को भी खारिज कर दिया।
ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी शिंदे की 23 सितंबर, 2024 को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों की गोली लगने से मौत हो गई थी।
शिंदे को तलोजा जेल से कल्याण ले जाया जा रहा था, तभी यह घटना हुई थी।
भाषा जितेंद्र नरेश
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