कनाडा,मैक्सिको में संयंत्र लगाने वाले भारतीय विनिर्माताओं पर अमेरिकी शुल्क का खास असर नहीं

Ankit
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नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) भारतीय मोटर वाहन घटक विनिर्माता कंपनियां जिनकी विनिर्माण सुविधाएं कनाडा और मैक्सिको में हैं, उन पर अमेरिकी शुल्क में बढ़ोतरी का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। अमेरिकी प्रशासन ने दोनों देशों को अतिरिक्त शुल्कों से छूट दी गई है।


फेंटेनाइल और माइग्रेशन से संबंधित अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) के तहत मौजूदा आदेश के कारण व्हाइट हाउस ने पुष्टि की कि बुधवार को घोषित नए शुल्क कनाडा और मैक्सिको पर लागू नहीं होंगे।

इसके परिणामस्वरूप अमेरिका-मैक्सिको-कनाडा समझौते (यूएसएमसीए) के अनुरूप दोनों देशों की वस्तुओं पर शून्य शुल्क लगेगा, जबकि गैर-अनुपालन वाली वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगेगा।

संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल लिमिटेड जैसी भारतीय वाहन घटक विनिर्माता कंपनियां पहले ही कह चुकी हैं कि चूंकि उनके उत्पादों का एक बड़ा हिस्सा यूएसएमसीए के अनुरूप है, इसलिए उन पर ट्रंप के आदेशों का कोई भौतिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

ट्रंप के 26 मार्च के आदेश के बाद पिछले महीने संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल लिमिटेड ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा था, ‘‘ कंपनी और/या इसकी अनुषंगी कंपनियों द्वारा अमेरिका में अपने विभिन्न ग्राहकों को आपूर्ति किए जाने वाले उत्पादों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा या तो अमेरिका में निर्मित है या यूएसएमसीए के तहत आता है…इसलिए हमारे वर्तमान आकलन के अनुसार उक्त कार्यकारी आदेशों का कंपनी की वित्तीय स्थिति पर कोई भौतिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।’’

हालांकि, कंपनी ने स्वीकार किया कि वाहन घटकों सहित वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों से आयातित उत्पादों पर शुल्क समय-समय पर संशोधन के अधीन हो सकते हैं।

ट्रंप द्वारा बुधवार को घोषित शुल्क में वाहन व उसके घटक और स्टील तथा एल्युमीनियम की वस्तुएं शामिल नहीं हैं। इन पर 26 मार्च को घोषित आदेश के तहत पहले से ही 25 प्रतिशत शुल्क लगा हुआ है जो तीन अप्रैल की मध्यरात्रि से प्रभावी होंगे। इस पर अन्य शुल्क तीन मई तक लागू किए जाने की आशंका है।

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का अमेरिका को वाहन घटकों का निर्यात 6.79 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि उसने 15 प्रतिशत आयात शुल्क पर अमेरिका से 1.4 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात किया।

अमेरिका को भारत से सबसे अधिक इंजन कंपोनेंट, पावर ट्रेन और ट्रांसमिशन का निर्यात किया जाता है।

भाषा निहारिका नरेश

नरेश



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