Lakhan Patel on Damoh Hailstorm

Ankit
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भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले दो दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। आसमान में बादलों के छाने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। तो वहीं कई जगहों पर बारिश का दौर भी देखा गया है। प्रदेश के जिला दमोह हटा क्षेत्र में शुक्रवार शाम तेज बारिश के साथ बड़े-बड़े ओले गिरे हैं। जिसके बाद किसानों की परेशानी बढ़ गई। फसलों को काफी नुकसान हुआ।


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बता दें कि दमोह में हुई ओलावृष्टि पर अब एमपी के पशुपालन मंत्री और पथरिया विधायक लखन पटेल का बयान सामने आया है। लखन पटेल ने कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है। दमोह जिले के कई विकासखंड में ओलावृष्टि हुई है। जब फसल कटने वाली है, तब ओलावृष्टि होना काफी दुखद है। सरकार किसानों के साथ खड़ी है, प्रशासन को निर्देशित किया गया है। जल्द ही फसल नुकसान का सर्वे कराकर आंकलन करें। आंकलन के हिसाब से जो भी नुकसान किसानों का हुआ है। और RPC की धारा 6(4) के तहत किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगा।

 

मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि मौजूदा सिस्टम का असर 23 मार्च तक रहेगा। 24 मार्च से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो सकता है। इसका असर भी प्रदेश में देखने को मिलेगा। गुरुवार को भोपाल, सीहोर और सागर समेत कई जिलों में हल्की बारिश हुई। भोपाल में हल्की बूंदाबांदी हुई। इस दौरान बादल छाए रहे और हवाएं भी चली। सागर के बंडा में अचानक बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली। हालांकि किसानों की चिंता बढ़ गई। किसानों को खेतों में रखी फसलें खराब होने का डर सता रहा है।


मध्यप्रदेश में मौसम के बदलाव का क्या कारण है?

मध्यप्रदेश में मौसम में बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और सिस्टल एक्टिविटी के कारण हो रहा है। इससे बारिश, ओलावृष्टि और आंधी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं।

दमोह में ओलावृष्टि से किसानों को क्या नुकसान हुआ है?

दमोह जिले के हटा क्षेत्र में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है, खासकर उन फसलों को जो कटाई के करीब थीं।

सरकार ने किसानों की मदद के लिए क्या कदम उठाए हैं?

एमपी के पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि जल्द ही फसल नुकसान का सर्वे कराकर आंकलन किया जाए। इसके बाद RPC की धारा 6(4) के तहत किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।

क्या अगले कुछ दिनों में मौसम में और बदलाव आएगा?

मौसम विभाग के वैज्ञानिकों का कहना है कि मौजूदा मौसम प्रणाली का असर 23 मार्च तक रहेगा। 24 मार्च से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो सकता है, जिसका असर प्रदेश में देखा जा सकता है।


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