नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आईएनडीयू) की स्थापना में ‘‘अत्यधिक विलंब’’ और इसके परिणामस्वरूप लागत में वृद्धि होने पर चिंता व्यक्त की है। समिति ने साथ ही सिफारिश की है कि लागत में और वृद्धि को रोकने के लिए संस्थान की स्थापना शीघ्र की जाए।
अपनी रिपोर्ट में समिति ने यह भी रेखांकित किया है कि यह देखकर वह आश्चर्यचकित है कि रक्षा मंत्रालय द्वारा एक ‘‘सामान्य उत्तर’’ दिया गया है, जिसमें विश्वविद्यालय की स्थापना में दो दशक से अधिक की देरी के विशिष्ट कारणों का कोई उल्लेख नहीं है।
समिति की टिप्पणियों और सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई, जो ‘‘आईएनडीयू की स्थापना में अत्यधिक विलंब’’ पर समिति की 118वीं रिपोर्ट में निहित है, बुधवार को संसद में पेश की गई।
समिति ने कहा है कि राष्ट्रीय महत्व के स्वायत्त संस्थान का विचार पहली बार 1967 में चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी द्वारा प्रस्तुत किया गया था और 1982 में लेफ्टिनेंट जनरल सेठना समिति द्वारा पुनः इसका समर्थन किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति यह जानकर निराश है कि विचार पेश किए जाने के 57 वर्ष बाद, और आईएनडीयू विधेयक, 2015 को सार्वजनिक परामर्श के लिए उपलब्ध कराए जाने के सात वर्ष बाद भी विश्वविद्यालय की स्थापना नहीं हो पाई है।’’
भाषा सुभाष पारुल
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