(नेहा मिश्रा)
नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) दिल्ली सरकार कृत्रिम वर्षा का परीक्षण करने की योजना बना रही है और यह कदम आगामी जल नमूना परीक्षणों की सफलता पर निर्भर है।
सरकार ने इसी के साथ एक व्यापक, स्थायी प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण वाले कई क्षेत्रों को लक्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदूषण रोधी परियोजनाओं की एक श्रृंखला तैयार की है।
दिल्ली पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है और स्पष्ट सुधार पहले से ही दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास तेज कर दिये गए हैं।
सिरसा ने कहा कि सरकार कृत्रिम बारिश की एक योजना पर विचार कर रही है और इस पर एक अध्ययन जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह पता लगाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि क्या कृत्रिम बारिश में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायनों का मानव शरीर या त्वचा पर कोई हानिकारक प्रभाव हो सकता है।’’
सिरसा ने कहा, ‘‘रिपोर्ट के आधार पर, हम बाहरी दिल्ली क्षेत्र में एक छोटे पैमाने पर परीक्षण करेंगे और पानी के नमूनों का विश्लेषण करके यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं है। यदि परीक्षण सफल रहते हैं और नमूनों में कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखता है, तो हम योजना को आगे बढ़ाएंगे।’’
सिरसा ने ‘स्मॉग टावर’ परियोजना के बारे में बात करते हुए इसे ‘विफल’ करार दिया। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार
जल्द ही एक नयी योजना की घोषणा करेगी जो दिल्ली-एनसीआर में उल्लेखनीय बदलाव लाने के लिए बहु-क्षेत्रीय पैमाने पर संचालित होगी।
सिरसा ने कहा कि प्रदूषण के स्रोतों को सीधे लक्षित करने तथा उन्हें समाप्त करने या कम करने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
भाषा धीरज अमित
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