भारतीय खिलाड़ी प्रतिभाशाली लेकिन जीत की मानसिकता जरूरी : हेनरिच पोपोव |

Ankit
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नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) पूर्व विश्व चैम्पियन और पैरालम्पिक स्वर्ण पदक विजेता फर्राटा धावक हेनरिच पोपोव का मानना है कि भाारतीय खिलाड़ियों में प्रतिभा है लेकिन लगातार दबदबा बनाने के लिये उन्हें मानसिक अवरोध तोड़कर जीत की मानसिकता से खेलना होगा ।


जर्मनी के 41 वर्ष के पोपोव ने पैरालम्पिक खेलों, विश्व और यूरोपीय चैम्पियनशिप में 27 पदक जीते हैं ।

उन्होंने पीटीआई वीडियो से कहा ,‘‘ वैश्विक सफलता के लिये सबसे बड़ी चुनौती शारीरिक नहीं, मानसिक है ।’’

उन्होंने कहा ,‘ मानसिक अवरोध आपकी प्रगति रोक देता है । कई बार आप किसी अमेरिकी खिलाड़ी से बात करें तो आपको पता चलेगा कि वह पदक के लिये तैयार ही नहीं है बल्कि स्वर्ण की बात कर रहा है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ दिव्यांगता भी मानसिकता से जुड़ी है । आपको पदकों से इतर सोचना होगा । आपको खुद को इतना बड़ा बनाने के बारे में सोचना होगा कि दुनिया को पता चले कि आप छिप नहीं रहे हैं । मुझे लगता है कि भारत और जर्मनी की समान समस्या है । हम चुप रहते हैं लेकिन हमें बिंदास होकर दुनिया को बताना होगा कि हम जीतने के लिये खेल रहे हैं ।’’

भाषा मोना

मोना



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