जनजातीय संगठनों ने हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर में ‘बंद’ वापस लिया |

Ankit
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इंफाल, 18 मार्च (भाषा) मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में ‘हमार’ और ‘जोमी’ समुदायों के बीच झड़प के मद्देनजर कर्फ्यू लगाए जाने के एक दिन बाद मंगलवार को दोनों समुदायों के संगठनों वहां लगाया गया ‘बंद’ वापस ले लिया। इससे वहां स्थिति सामान्य हो गई।


अधिकारियों ने बताया कि दिन में हमार और जोमी समुदायों के परिवारों ने एक समझौते के बाद अपने विवाद सुलझा लिये। उन्होंने बताया कि पीड़ित के इलाज का खर्च दूसरे पक्ष द्वारा वहन किया जाएगा।

हमार इनपुई महासचिव रिचर्ड हमार पर रविवार को जोमी लोगों ने हमला किया था, जिसके कारण हिंसा भड़क उठी और अगले दिन कर्फ्यू लगा दिया गया।

एक अधिकारी ने मंगलवार शाम को कहा, ‘‘हालांकि निषेधाज्ञा वापस नहीं ली गई है, लेकिन संबंधित जनजातियों के शीर्ष निकायों हमार इनपुई और जोमी काउंसिल ने एकसाथ काम करने और जिले में शांति बहाल करने का फैसला किया और अब स्थिति सामान्य है।’’

दिन के दौरान जिले में किसी हिंसा की सूचना नहीं आई।

अधिकारी के अनुसार, पीड़ित व्यक्ति के परिवार और हमलावरों के परिवार के बीच शत्रुता मौद्रिक समझौते के बाद खत्म हो गई। अधिकारी ने कहा, ‘पीड़ित के परिवार को पारंपरिक और प्रथागत शांति भोज आयोजित करने के लिए दूसरे पक्ष द्वारा 50,000 रुपये दिए गए।’

दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि आरोपी परिवार शुरूआत में रिचर्ड हमार के उपचार के लिए 2 लाख रुपये का भुगतान करेंगे और जरूरत पड़ने पर उन्हें और अधिक धनराशि प्रदान करेंगे।

इससे पहले, चुराचांदपुर के जिला प्रशासन द्वारा बुलाई गई एक बैठक के बाद, हमार इनपुई और जोमी काउंसिल ने बंद हटाने और जिले में सामान्य जीवन को बाधित करने वाली सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने पर सहमति व्यक्त की।

सूत्रों के अनुसार, रिचर्ड हमार एक वाहन चला रहे थे, जिससे जोमी समुदाय के एक दोपहिया सवार को लगभग टक्कर लग गई। इसके कारण एक संक्षिप्त विवाद हुआ, जिसके परिणामस्वरूप अंततः हमला हुआ।

रिचर्ड हमार पर हमले और दो समुदायों के बीच झड़पों के बाद, हमार विलेज वालंटियर्स (एचवीवी) ने फेरजावल और जिरीबाम जिलों में पूर्ण बंद लागू कर दिया।

उपायुक्त धरुण कुमार एस ने सोमवार को एक अपील में कहा कि स्थिति को शांत करने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी और समुदाय के सदस्यों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत का आग्रह किया।

मई 2023 से मेइती और कुकी-ज़ो समूहों के बीच हुई जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था और राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया था। विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक था।

भाषा अमित रंजन

रंजन



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