नौकरी के बदले जमीन घोटालाः राबड़ी देवी, तेज प्रताप ईडी के समक्ष पेश हुए, लालू बुधवार को तलब

Ankit
5 Min Read


(तस्वीरों सहित)


पटना, 18 मार्च (भाषा) बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव कथित ‘‘नौकरी के बदले जमीन’’ घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। ईडी ने मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद को भी तलब किया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

राबड़ी (66) सुबह करीब साढ़े 10 बजे पटना के बैंक रोड स्थित ईडी के कार्यालय पहुंचीं। इस दौरान उनकी बड़ी बेटी एवं पाटलिपुत्र से सांसद मीसा भारती भी मौजूद थीं जिनका नाम भी इस मामले में आरोपी के तौर पर दर्ज है।

एजेंसी के कार्यालय की ओर जाने वाली सड़क पर राजद के सैकड़ों कार्यकर्ता इकट्ठा हो गए और नारेबाजी की।

पूर्व मंत्री एवं मौजूदा विधायक तेज प्रताप यादव (36) अपराह्न से पहले के विधानसभा सत्र में शामिल होने के बाद ईडी कार्यालय पहुंचे।

सूत्रों ने कहा कि लालू प्रसाद (76) को बुधवार को पटना में संघीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा कि मामले में सामने आए कुछ ‘‘अतिरिक्त तथ्यों’’ के कारण पूछताछ की आवश्यकता है। सूत्रों ने कहा कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत तीनों के बयान दर्ज किए जाने हैं।

अपनी मां के साथ ईडी कार्यालय पहुंचीं राजद सुप्रीमो की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती ने कहा, ‘‘ईडी ने मेरे परिवार के सदस्यों को बुलाया था। इसलिए, हमने जांच में सहयोग करके अपना कर्तव्य निभाया।’’

पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए भारती ने आरोप लगाया,‘‘ईडी के सक्रिय होने के पीछे राजनीतिक मकसद हो सकता है। आखिरकार यह (नौकरी के बदले जमीन घोटाला) इतना पुराना मामला है।’’

राजद नेता ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि जब भी कहीं चुनाव होने होते हैं, एजेंसियां इसी तरह काम करती हैं।’’

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में राजद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुख्य प्रतिद्वंद्वी है।

ईडी दफ्तर के अंदर और बाहर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने आरोप लगाया, ‘‘यह अब स्पष्ट हो गया है कि जब भी भाजपा को किसी राज्य में चुनाव का सामना करना पड़ता है तो वह अपने विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को तैनात कर देती है। हमने झारखंड और दिल्ली में ऐसा ही देखा। अब यह बिहार में देखा जा रहा है।’’

इस मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव से ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है।

पिछले साल, ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में प्रसाद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती तथा हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य को भी आरोपी बनाया गया था।

यह मामला 2004-2009 के दौरान रेलवे में समूह ‘‘डी’’ नियुक्तियों से संबंधित है। उस समय लालू यादव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में रेल मंत्री थे।

ईडी ने पूर्व में एक बयान में कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के अनुसार अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी के बदले में ‘‘रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने’’ के लिए कहा गया था।

धनशोधन का यह मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है।

एजेंसी के अनुसार लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों- राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव ने अभ्यर्थियों के परिवारों से (जो भारतीय रेलवे में ग्रुप डी संवर्ग में चयनित हुए थे) मामूली रकम पर जमीन हासिल कर ली थी।

ईडी ने कहा, ‘‘आरोपपत्र में नामजद एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी (राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी) ने एक अभ्यर्थी से संपत्ति अर्जित की थी और बाद में उसे हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया था।’’

एजेंसी ने कहा कि ‘‘एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’’ और ‘‘एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’’ जैसी फर्जी कंपनियां बनायी गयी थीं जिन्होंने प्रसाद के परिवार के सदस्यों के लिए अवैध जरिए से आय प्राप्त की थी। मुखौटे के तौर पर काम करने वाले लोगों द्वारा उक्त कंपनियों के नाम पर अचल संपत्तियां अर्जित की गईं।

ईडी ने दावा किया कि बाद में प्रसाद के परिवार के सदस्यों को नाममात्र की राशि में हिस्सेदारी हस्तांतरित की गई।

भाषा अनवर राजकुमार आशीष रंजन

रंजन



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *