बांग्लादेश ने अल्पसंख्यक उत्पीड़न पर अमेरिकी खुफिया विभाग की प्रमुख गबार्ड की टिप्पणी की निंदा की

Ankit
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ढाका, 18 मार्च (भाषा) प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के कथित उत्पीड़न पर अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड की टिप्पणी खारिज करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी ‘‘निराधार’’ थी।


मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने सोमवार आधी रात एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘इसने (गबार्ड की टिप्पणी ने) पूरे देश की गलत छवि पेश की है।’’

कार्यालय ने कहा कि भारतीय टीवी चैनल में गबार्ड का बयान ‘‘बांग्लादेश की छवि और प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला है।’’

पोस्ट में कहा गया कि बांग्लादेश एक ऐसा देश है जिसकी पारंपरिक इस्लाम प्रथा समावेशी और शांतिपूर्ण रही है और जिसने उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में उल्लेखनीय प्रगति की है’’।

भारत की यात्रा पर आईं गबार्ड ने सोमवार को कहा था ‘‘हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों जैसे अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों का लंबे समय से उत्पीड़न, हत्या और दुर्व्यवहार अमेरिकी सरकार और राष्ट्रपति ट्रंप तथा उनके प्रशासन के लिए चिंता का विषय रहा है।’’

टीवी चैनल के साथ एक साक्षात्कार में गबार्ड ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के ‘‘उत्पीड़न और उन्हें मार डाले जाने’’ का आरोप लगाया और कहा कि देश में ‘‘इस्लामवादी खिलाफत के साथ शासन करने’’ की ‘‘विचारधारा और उद्देश्य’’ में ‘‘इस्लामी आतंकवादियों का खतरा’’ निहित है।

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप के नए मंत्रिमंडल और बांग्लादेश सरकार के बीच बातचीत अभी शुरू ही हुई है, लेकिन यह चिंता का मुख्य विषय बना हुआ है।’’

इसे खारिज करते हुए मुख्य सलाहकार के कार्यालय ने कहा कि बांग्लादेश को ‘‘इस्लामवादी खिलाफत’’ के विचार से बेबुनियाद तरीके से जोड़ना बांग्लादेशियों और दुनियाभर में देश के मित्रों और साझेदारों की कड़ी मेहनत को कमजोर करता है जो शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं।

कार्यालय ने कहा कि ‘‘देश को किसी भी तरह के ‘‘इस्लामी खिलाफत’’ से जोड़ने के किसी भी प्रयास की बांग्लादेश कड़ी निंदा करता है’’।

यूनुस के कार्यालय ने कहा, ‘‘राजनीतिक नेताओं और जानी-मानी हस्तियों के बयान खासतौर पर सबसे संवेदनशील मुद्दों पर, वास्तविक ज्ञान पर आधारित होने चाहिए।’’

रविवार को तीन दिवसीय यात्रा पर नयी दिल्ली पहुंचीं गबार्ड ने ‘‘इस्लामी खिलाफत’’ की विचारधारा के बारे में बात की और बताया कि कैसे वैश्विक स्तर पर चरमपंथी तत्व और आतंकवादी समूह इस तरह के परिणाम के लिए लक्ष्य रखते हैं।

भाषा

खारी मनीषा

मनीषा



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