अचानक इस बात की उड़ी अफवाह.. देखते ही देखते भड़क गई हिंसा, दुकानों में तोड़फोड़ और पथराव, कई लोग गिरफ्तार |

Ankit
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नागपुर : औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान धर्मग्रंथ जलाये जाने की अफवाह फैलने के बाद मध्य नागपुर में सोमवार को हिंसा भड़क गई। इस दौरान किये गये पथराव में तीन पुलिसकर्मियों समेत नौ लोग घायल हो गये। अधिकारियों ने यह जानकार दी। पुलिस ने महल क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में तलाशी अभियान के दौरान 15 लोगों को गिरफ्तार किया। इससे पहले, पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय वाले महल क्षेत्र में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा देर शाम कोतवाली और गणेशपेठ तक कथित रूप से फैल गई।


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घेराबंदी अभियान के दौरान पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी भी पथराव का शिकार हुए। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां दंगाइयों ने कुछ चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि लोगों के घरों पर भी पत्थर फेंके गए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हिंसा के मद्देनजर शांति और सद्भाव बनाये रखने की अपील की है। पुलिस के अनुसार, उपद्रव देर शाम उस समय शुरू हुआ, जब बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। पुलिस ने बताया कि अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान कुरान जलाई गई। बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुए, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में आक्रोश फैल गया। गणेशपेठ थाने में शाम को कथित तौर पर कुरान जलाने के लिए शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने बताया कि शिकायत के बाद, बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महल इलाके के विभिन्न हिस्सों में इकट्ठा होने लगे। पुलिस ने संकट की आशंका को देखते हुए गश्त तेज कर दी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि चिटनिस पार्क इलाके में पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। उन्होंने बताया कि अन्य इलाकों से भी हिंसा की खबरें आई हैं। हालांकि, बजरंग दल के पदाधिकारियों ने आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि उन्होंने अपने प्रदर्शन के तहत केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था।

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पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी करने की पुष्टि की और बताया कि त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), दंगा नियंत्रण पुलिस और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) को तैनात किया गया है। विभिन्न थानों से अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को भी बुलाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया और हिंसा के जिम्मेमदार 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। फडणवीस ने शांति बनाए रखने की अपील की और लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने को कहा। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, “पुलिस महल इलाके में पथराव और तनावपूर्ण स्थिति को संभाल रही है।” गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे फडणवीस ने यह भी कहा कि वह पुलिस के लगातार संपर्क में हैं और उन्होंने पुलिस से लोगों के साथ सहयोग करने को कहा है। गडकरी ने फडणवीस के सुर में सुर मिलाते हुए लोगों से प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की।

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नागपुर से सांसद गडकरी ने एक वीडियो संदेश में कहा, “नागपुर का हमेशा से शांति का इतिहास रहा है। मैं अपने सभी भाइयों से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। अफवाहों पर विश्वास न करें और सड़कों पर न उतरें।” कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता को दर्शाता है। सपकाल ने कहा कि मंत्रियों द्वारा पिछले कुछ दिनों से जानबूझकर भड़काऊ भाषण दिये जा रहे थे। सपकाल ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित करार देते हुए विदर्भ के सबसे बड़े शहर के लोगों से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नागपुर में सभी धर्मों के लोग सद्भावनापूर्वक रहते हैं। सपकाल ने एक बयान में कहा, ‘‘नागपुर में जारी तनाव, पथराव और आगजनी गृह विभाग की घोर विफलता है। पिछले कुछ दिनों से राज्य के मंत्री जानबूझकर समाज में हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि नागपुर में उनकी कोशिशें सफल हो गई हैं।’’ शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) विधायक आदित्य ठाकरे ने राज्य में कानून-व्यवस्था बुरी तरह से बिगड़ने का आरोप लगाया।



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