रायपुर। CG Ki Baat: प्रदेश में धर्मांतरण के मुद्दे पर अब बीजेपी सरकार को उन्हीं के साथी सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं। विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सदन के अंदर खुद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मुखरता से सरकार के सामने सवालों की झड़ी लगा दी। बीजेपी विधायक गृहमंत्री से सीधे पूछ रहे हैं कि धर्मांतरण के मुद्दे पर नई सरकार आने के बाद भी जमीनी हालात कब बदलेंगे ? जवाब में गृहमंत्री विजय शर्मा ने ऐलान किया कि पुराना कानून काफी नहीं है, साय सरकार जल्द ही नया कानून लाएगी। कब तक इसकी कोई डेडलाइन नहीं है।
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छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण हमेशा से बड़ा और सीरियस मुद्दा रहा है, विधानसभा के बजट सत्र में ध्यानाकर्षण के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने प्रदेश में NGO के जरिए विदेशी फंडिंग का दुरूपयोग कर धर्मांतरण का मुद्दा उठाय़ा। कहा गया कि बस्तर, सरगुजा से लेकर राजधानी तक धर्मांतरण केसेज बढ़ रहे हैं, खुद सीएम तक स्वीकार चुके हैं कि विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल धर्मांतरण के लिए होता है। अपनों के सवालों से घिरे गृह मंत्री विजय शर्मा ने सदन में जानकारी दी कि, 2019 तक प्रदेश में 364 संस्थाओं को विदेशी फंडिंग मिलती रही, केंद्र सरकार की सख्ती के बाद अब ऐसी संस्थाओं की संख्या 153 बची है, सब पर सरकार की कड़ी नजर है, गृहमंत्री ने सदन में ऐलान किया कि प्रदेश में अब भी, धर्म स्वातंत्रता कानून 1968 लागू है, जिसके प्रावधान आज के दौर में धर्मांतरण की मौजूदा चुनौतियों से निपटने में सक्षम नहीं, इसीलिए छत्तीसगढ़ में जल्द ही धर्मांतरण रोकने सबसे कड़े प्रावधानों वाला नया कानून बनेगा।
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पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक ही नहीं अजय चंद्राकर ने ही नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के कई और विधायकों ने भी धर्मांतरण को गंभीर समस्या बताया। सीनियर IAS रहे बीजेपी विधायक नीलकंठ टेकाम के मुताबिक अब हर संडे को बस्तर में 70 फीसदी लोग प्रार्थना सभा में जाने निकलते हैं। इस समस्या को भी नक्सलवाद की तरह डेडलाइन तय कर खत्म करना चाहिए। इसके अलावा बीजेपी विधायकों राजेश मूणत ने रायपुर तक में धर्मांतरण होने पर सवाल उठाया, तो सुशांत शुक्ला ने बिलासपुर में जोशुआ प्रोजेक्ट के तहत 1500 चर्च चलने पर सवाल उठाया, जबकि बीजेपी विधायक रायमुनि भगत ने 80 साल की मां के अपने बेटे के हिंदू रीति से अंतिम संस्कार ना करने देने पर सवाल उठाया। इन सवालों पर सदन में विपक्ष चुप रहा लेकिन बाहर इसे बीजेपी का सियासी एजेंडा बताया।
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CG Ki Baat: बेशक, धर्मांतरण देश भर में, खासकर आदिवासी बहुल इलाकों में, दशकों से बड़ी चिंता रहा है। चिंता इस बात पर कि सैकड़ों चर्च बनते जा रहे हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन के पास कनवर्जन करने वालों का कोई ऑफिशियल डेटा नहीं। सवाल ये कि, मुद्दे पर बीजेपी विधायक अपनी ही सरकार को क्यों घेर रहे हैं, सवाल ये भी मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों ने नए कानून बनाए, क्या उनसे धर्मांतरण रूक सका है, यहां भी कड़े प्रावधानों वाले नए कानून बनेगा लेकिन कब तक, इसपर मौन क्यों ?