मुंबई, 17 मार्च (भाषा) वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने सोमवार को कहा कि सरकारी बैंकों (पीएसबी) को क्षमता निर्माण, समय पर पूंजी जुटाने और कुशल संसाधन आवंटन पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।
उद्योग निकाय आईबीए की वार्षिक आम बैठक में नागराजू ने कहा कि दर्जन भर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को साइबर सुरक्षा, जोखिम प्रबंधन, एआई एनालिटिक्स, वित्तीय प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन और क्लाउड सेवाओं जैसे क्षेत्रों में सुधार के लिए सहयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “प्रत्येक बैंक को क्षमता निर्माण पर अपना ध्यान केन्द्रित करने तथा उचित एवं समय पर पूंजी जुटाने और संसाधनों के कुशल आवंटन के लिए योजना बनाने के अलावा मध्यस्थता लागत को कम करने का प्रयास करने की भी आवश्यकता है।”
नागराजू ने स्पष्ट किया कि पिछले सात-आठ वर्षों में सरकार द्वारा किए गए सुधार उपायों के कारण ऋणदाताओं की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि बैंकों को आम जनता के लिए ऋण को अधिक किफायती बनाने के लिए मध्यस्थता या परिचालन लागत को कम करने का ‘प्रयास’ करना चाहिए।
सहयोग के बारे में उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आपस में सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे उपायों से सरकारी बैंकों को व्यक्तिगत रूप से और सामूहिक रूप से भी लाभ होगा।
उन्होंने दुख जताते हुए कहा, “सेवाओं की पेशकश के साथ सहयोग या गठबंधन के मोर्चे पर कुछ हद तक सीमित विकास हुआ है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बैंक अब बेहतर परिसंपत्ति गुणवत्ता के साथ स्वस्थ और मजबूत हैं।
डीएफएस सचिव ने आईबीए से विनियामक ढांचे को मजबूत करने और उद्योग में विश्वास बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाने को कहा।
उन्होंने कहा कि समूह को नए प्रभावशाली उत्पाद बनाने में मदद करके नवाचार और समावेशन को भी बढ़ावा देना चाहिए।
भाषा अनुराग अजय
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