मुंबई, 17 मार्च (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को बैंकों से कहा कि वे ग्राहकों को ‘अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) दस्तावेजों के लिए बार-बार फोन करने से बचें।
आरबीआई लोकपालों के वार्षिक सम्मेलन में मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि किसी भी वित्तीय नियामक की देखरेख वाली इकाई को दस्तावेज जमा करने से अन्य लोगों के लिए एक सामान्य डेटाबेस से उन तक पहुंचना संभव हो जाता है, और बार-बार अनुरोध करने को ‘टालने योग्य असुविधा’ बताया।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एक बार ग्राहक द्वारा वित्तीय संस्थान को दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद, हम उन्हीं दस्तावेजों को पुनः प्राप्त करने पर जोर न दें।”
उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि अधिकांश बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) ने अपनी शाखाओं या कार्यालयों को केंद्रीय डेटाबेस से जानकारी प्राप्त करने की सुविधा नहीं दी है, जिसके कारण ग्राहकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
मल्होत्रा ने कहा, “इसे जल्द ही सुगम बनाया जा सकता है। यह सभी के हित में होगा।”
आरबीआई गवर्नर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब बैंकिंग ग्राहक बार-बार केवाईसी पुनः प्रस्तुत करने के अनुरोध के कारण, विशेष रूप से सोशल मीडिया मंचों पर असुविधा की शिकायत कर रहे हैं।
भाषा अजय अनुराग
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