नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि कारोबार विभाजन से सृजित होने वाली चार नई कंपनियों में से प्रत्येक में 100 अरब डॉलर की कंपनी बनने की क्षमता है।
विविध कारोबार में सक्रिय वेदांता लिमिटेड के प्रस्तावित विभाजन से प्रबंध संरचना, पूंजीगत ढांचे और रणनीतिक प्राथमिकताओं के साथ चार स्वतंत्र प्राकृतिक संसाधन-केंद्रित कंपनियां अस्तित्व में आएंगी।
अग्रवाल ने इस संबंध में शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा कि प्रस्तावित विभाजन वेदांता को विशुद्ध रूप से केंद्रित कारोबार बनाने में किस तरह से मददगार साबित होगा।
वेदांता समूह की संरचना को सरल बनाने और अपने ऋण बोझ का प्रबंधन करने में मदद के लिए खनन समूह को विभिन्न व्यवसायों में विभाजित करने की योजना है। वर्ष 2023 में कारोबार में आमूलचूल परिवर्तन की योजना शुरू की गई थी।
वेदांता की विभाजन योजना के मुताबिक, विभाजन प्रक्रिया पूरी होने पर वेदांता के प्रत्येक शेयरधारक को चारों नई विभाजित कंपनियों में एक-एक अतिरिक्त शेयर मिलेगा।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अलग होने वाली प्रत्येक कंपनी में 100 अरब डॉलर की कंपनी बनने की क्षमता है। आप बस यह देखें कि एक वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में हम कहां जा रहे हैं और ऐसे उत्पादों की मांग क्या है। ये कंपनियां और उनके उत्पाद समय की जरूरत हैं।’’
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