नयी दिल्ली, 14 मार्च (भाषा) न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन, कम से कम 18 देशों के विदेश मंत्री, कई वैश्विक कंपनियों के शीर्ष अधिकारी और विदेश नीति विशेषज्ञ अगले सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी में वार्षिक रायसीना डायलॉग के लिए एकत्र होंगे। यह भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत का प्रमुख सम्मेलन है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लक्सन 17 से 19 मार्च तक आयोजित होने वाले सम्मेलन के 10वें संस्करण का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे।
मामले के बारे में जानकारी रखने वालों ने बताया कि पहली बार ताइवान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी सहित एक प्रतिनिधिमंडल के इस सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है। यह पिछले कुछ वर्षों में दोनों पक्षों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाता है। अधिकारियों ने बताया कि यूक्रेनी विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा सम्मेलन में बोलने वाले उच्च-स्तरीय विदेशी गणमान्यों में शामिल होंगे।
उनकी भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिका यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष को समाप्त कराने के लिए एक अस्थायी युद्धविराम की दिशा में प्रयास कर रहा है।
स्लोवानिया, लक्जमबर्ग, लिकटेंस्टीन, लातविया, मोल्दोवा, जॉर्जिया, स्वीडन, स्लोवाक गणराज्य, भूटान, मालदीव, नॉर्वे, थाईलैंड, एंटीगुआ और बारबुडा, पेरू, घाना, हंगरी और मॉरीशस के विदेश मंत्री भी सम्मेलन में भाग लेंगे।
क्यूबाई उप प्रधानमंत्री मार्टिनेज डियाज और फिलीपीन के विदेश मंत्री एनरिक ए. मनालो भी इसमें भाग लेंगे।
विभिन्न सत्रों में, प्रतिभागी दुनिया की स्थिति पर चर्चा करेंगे और समकालीन मामलों की एक विस्तृत श्रृंखला पर सहयोग के अवसरों को तलाशेंगे।
सम्मेलन का आयोजन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में किया जा रहा है।
रायसीना डायलॉग में कई देशों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे, जिनमें पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख, उद्योग प्रमुख, रणनीतिक मामलों के विद्वान और प्रमुख विचारक संस्थाओं के विशेषज्ञ शामिल हैं।
भाषा अमित प्रशांत
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