चंडीगढ़, 12 मार्च (भाषा) हरियाणा विधानसभा में बुधवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो विधायकों के बीच हुई बहस का मुद्दा उठाया और मांग की कि उनके आरोपों की जांच के लिए सदन की एक समिति गठित की जाए।
हालांकि, विधानसभाध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने कहा कि मंगलवार को हुई पूरी बहस को कार्यवाही से पहले ही हटा दिया गया है।
मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान दो भाजपा विधायकों, जिनमें से एक मंत्री भी हैं, के बीच बहस हो गई। जब उनमें से एक ने दूसरे पर टिप्पणी कर दी।
हालांकि दोनों के बीच हुई बहस को बाद में कार्यवाही से हटा दिया गया लेकिन कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने जांच की मांग करते हुए कहा, ‘एक विधायक द्वारा दूसरे के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं।’
कांग्रेस सदस्यों ने इस मुद्दे पर सदन से कुछ देर के लिए बहिर्गमन भी किया। इससे पहले उन्होंने शून्यकाल में यह मामला उठाया था।
अरोड़ा ने कहा, ‘कल सदन में विधायकों ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, ऐसा नहीं होना चाहिए था। एक विधायक ने एक मंत्री पर आरोप लगाए हैं।’
विधायक ने सदन की एक समिति गठित करने और उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रघुवीर सिंह कादियान भी अपने सहयोगी की मांग में शामिल हो गए। हुड्डा ने मांग की कि सदन दोनों विधायकों के व्यवहार की निंदा करने के लिए एक प्रस्ताव लाए।
संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि बहस ठीक नहीं थी, लेकिन उन्होंने कांग्रेस सदस्यों की जांच की मांग खारिज कर दी, क्योंकि इस संबंध में कोई लिखित शिकायत नहीं है। कादियान ने कहा, ‘सदन में आरोप लगाए गए थे,’ जिस पर विधानसभाध्यक्ष कल्याण ने कहा, ‘ये कार्यवाही का हिस्सा नहीं हैं, उन्हें हटा दिया गया है।’
विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को व्यक्तिगत टिप्पणी करने से भी मना किया। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि पूरे विवाद के दो पहलू हैं: ‘पहला यह कि सदन क्या कार्रवाई करेगा, दूसरा यह कि क्या विधानसभाध्यक्ष स्वतः संज्ञान लेंगे और तीसरा पहलू यह है कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करेगी।’
हुड्डा ने कहा, ‘पूरे सदन को कल के व्यवहार की निंदा करने के लिए प्रस्ताव लाना चाहिए।’
भाषा अमित नरेश
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