नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत दिल्ली सरकार ने शासन और प्रशासनिक शक्तियों के मामलों को लेकर पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा केंद्र और उपराज्यपाल के खिलाफ दायर मामलों को वापस लेना शुरू कर दिया है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को दी।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार, केंद्र और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच संवैधानिक सद्भाव के हित में संबंधित अदालतों में उचित आवेदन दायर करके ऐसे सभी मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।
भाजपा सरकार द्वारा वापस लिए गए मामलों में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर एक विशेष अनुमति याचिका भी शामिल है, जिसमें दिल्ली में ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन’ (पीएम- एबीएचआईएम) योजना के क्रियान्वयन के लिए उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी।
नयी सरकार ने यह कहते हुए याचिका वापस ले ली कि वह दिल्ली में पीएम- एबीएचआईएम योजना के क्रियान्वयन पर आगे बढ़ रही है।
विधि विभाग द्वारा तैयार की गई सूची के अनुसार, वापस लिए जा रहे मामलों में दिल्ली की पूर्ववर्ती आप सरकार द्वारा दायर मामले भी शामिल हैं। इसमें वह मामला भी शामिल है जिसमें उसने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम, 1991 में केंद्र द्वारा किए गए संशोधन को चुनौती दी थी। केंद्र ने उक्त संशोधन इसलिए किया था, ताकि उपराज्यपाल को सेवा मामलों में अधिकार दिया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि ऐसे सभी मामले संबंधित अदालतों की अनुमति से वापस लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी वकील भी जल्द सुनवायी की याचिका दायर करेंगे ताकि समय और संसाधनों की बर्बादी को रोकने के लिए इन मामलों को वापस लिया जा सके।
भाषा अमित नरेश
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