कराची/इस्लाबामाद, 12 मार्च (भाषा) पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में सुरक्षा बलों अपहृत की गई रेलगाड़ी के 190 यात्रियों को बचाते हुए 30 उग्रवादियों को मार गिराया। सुरक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बलूच उग्रवादियों ने मंगलवार को एक सुरंग में हमला कर इस रेलगाड़ी पर कब्जा कर लिया था।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रही।
अधिकारियों ने बताया कि नौ डिब्बों में लगभग 400 यात्रियों को लेकर जाफर एक्सप्रेस ट्रेन क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी तभी उग्रवादियों ने विस्फोटकों का इस्तेमाल कर ट्रेन को बेपटरी कर दिया और उस पर कब्जा कर लिया।
‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ (बीएलए) ने मंगलवार को इस हमले की जिम्मेदारी ली।
उग्रवादियों ने छह सैनिकों की हत्या कर दी हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों ने अब तक मारे गये लोगों की पुष्टि नहीं की है।
सेना और ‘फ्रंटियर कोर’ सहित सुरक्षा बल क्वेटा से 160 किलोमीटर दूर एक सुरंग में गुडलार और पीरू कुनरी के पहाड़ी इलाकों के पास ट्रेन पर नियंत्रण करने वाले उग्रवादियों का मुकाबला कर रहे हैं।
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि जब तक सभी यात्रियों को बचा नहीं लिया जाता, तब तक अभियान जारी रहेगा।
रिंद ने कहा कि बंधक स्थिति के कारण सुरक्षा बल अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती जैकेट पहने कुछ उग्रवादियों ने महिलाओं और बच्चों को एकत्र कर उन्हें अपने पास बैठने के लिए मजबूर किया।
उन्होंने बताया कि आत्मघाती हमलावरों के साथ महिलाओं और बच्चों की मौजूदगी के कारण अभियान को बेहद सावधानी से अंजाम दिया जा रहा है।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि बचाव अभियान में अब तक 30 उग्रवादी मारे गए हैं जबकि 190 यात्रियों को बचा लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, घायल हुए करीब 30 लोगों को अस्पताल भेजा गया है।
सूत्रों ने बताया कि अभियान के दौरान ट्रेन के मुख्य इंजन में सवार दो चालक और आठ सुरक्षाकर्मी मारे गए।
यह पहली बार है जब बलूचिस्तान प्रांत में बीएलए या किसी भी उग्रवादी समूह ने यात्री ट्रेन को ‘हाइजैक’ करने का सहारा लिया है, हालांकि पिछले वर्ष उन्होंने प्रांत के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों, प्रतिष्ठानों और विदेशियों पर हमले बढ़ा दिए थे।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि हमले में कितने उग्रवादी शामिल हैं लेकिन उनमें से कुछ अपने आकाओं के संपर्क में रहने के लिए सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस बीच, पाकिस्तान रेलवे ने पेशावर और क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आपात स्थिति डेस्क स्थापित की है क्योंकि चिंतित रिश्तेदार अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए पहुंच रहे हैं।
पाकिस्तान रेलवे ने डेढ़ महीने से अधिक समय के निलंबन के बाद क्वेटा से पेशावर के लिए ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू की थी।
पाकिस्तानी मीडिया ने इससे पहले उस सुरंग के पास भीषण गोलीबारी और विस्फोट की खबर दी है, जहां उग्रवादियों ने ट्रेन पर हमला किया।
विद्रोहियों ने दावा किया कि उन्होंने महिलाओं और बच्चों को मुक्त कर दिया है, लेकिन अधिकारियों ने इस दावे का खंडन किया और गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने कहा कि बंधकों को सुरक्षा बलों ने छुड़ाया है।
जिस इलाके में ट्रेन रुकी, वहां के जिला पुलिस अधिकारी राणा मुहम्मद दिलावर ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है लेकिन ऐसी खबरें हैं कि उग्रवादियों ने कुछ महिलाओं और बच्चों को बंधक बना लिया है।
उन्होंने बताया कि ट्रेन में करीब चार से पांच सरकारी अधिकारी सवार थे।
पेशावर रेलवे स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारी तारिक महमूद ने कहा कि लोगों को सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
बीएलए ने दावा किया कि उसने ट्रेन को पटरी से उतारकर उस पर कब्जा कर लिया। समूह ने कहा कि उसने छह सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी है।
बीएलए ने एक बयान में चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान की सेना कोई अभियान चलाती है, तो ‘‘सभी बंधकों को मार दिया जाएगा।’’
इस समूह पर पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका में प्रतिबंध है।
बलूचिस्तान में पिछले एक साल में उग्रवादी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई है।
पिछले वर्ष नवंबर में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया था जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी और 62 अन्य घायल हो गए थे। इसके बाद रेलवे ने कई सेवाएं स्थगित कर दी थीं।
भाषा जितेंद्र पवनेश
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