नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के वित्त वर्ष 2025-26 में चार से छह प्रतिशत की दर से राजस्व वृद्धि दर्ज करने का अनुमान है। वहीं वित्त वर्ष के अंत तक वृद्धि में तेजी आने तक नियुक्तियों की रफ्तार धीमी रहने की संभावना है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
इक्रा का अनुमान है कि निकट भविष्य में आईटी उद्योग में नौकरी छोड़ने की दर औसतन 12-13 प्रतिशत रहेगी।
इक्रा का अनुमान है कि भारतीय आईटी सेवा कंपनियों (जो राजस्व के लिहाज से उद्योग का 60 प्रतिशत हिस्सा हैं) के राजस्व में अगले वित्त वर्ष (2025-26) में अमेरिकी डॉलर के लिहाज से चार से छह प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलेगी।
इक्रा ने कहा कि इसके अलावा, अगले वित्त वर्ष के अंत तक वृद्धि की गति बढ़ने तक भर्तियों की रफ्तार सुस्त रहेगी।
इक्रा के नमूना सर्वेक्षेण में शामिल कंपनियों की राजस्व वृद्धि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में 3.6 प्रतिशत रही है।
इक्रा ने कहा कि इसके अलावा, कुछ बाजारों में बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय क्षेत्र और बीमा) और खुदरा क्षेत्रों में ग्राहकों द्वारा विवेकाधीन खर्च में मामूली वृद्धि हुई। ..साथ ही सृजन से जुड़ी कृत्रिम मेधा (जेन-एआई) पहल में निवेश के कारण नए ऑर्डर मिले।
इक्रा के नमूना सेट में बिरलासॉफ्ट, कोफोर्ज, साइंट, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इन्फोसिस, एलटीआईमाइंडट्री, एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज, मास्टेक, एम्फैसिस, ऑरैकल फाइनेंशियल सर्विसेज सॉफ्टवेयर, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टेक महिंद्रा, विप्रो और जेनसार टेक्नोलॉजीज शामिल हैं।
इक्रा के उपाध्यक्ष और क्षेत्र प्रमुख दीपक जोतवानी ने कहा कि इक्रा के आईटी सेवा कंपनियों के नमूने के समूह की वृद्धि की गति निकट भविष्य में धीमी रहने की संभावना है, क्योंकि अमेरिका द्वारा व्यापार शुल्क लगाए जाने तथा अमेरिका और यूरोप के प्रमुख बाजारों में व्यापक आर्थिक चुनौतियों से संबंधित अनिश्चितता बनी हुई है।
भाषा अजय अनुराग
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