दिल्ली सरकार अतिक्रमण और कूड़ा फेंकने पर रोक के लिए ‘यमुना कार्य बल’ गठित करने पर विचार कर रही

Ankit
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नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) दिल्ली सरकार यमुना के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण, मलबा और कचरा फेंके जाने समेत अन्य अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए प्रादेशिक सेना के साथ मिलकर ‘यमुना कार्य बल’ के गठन पर विचार कर रही है।


लोक निर्माण और जल संसाधन मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर प्रादेशिक सेना के साथ चर्चा की है। उन्होंने कहा कि विशेष कार्य बल यमुना के डूब क्षेत्र की सुरक्षा, अतिक्रमण को रोकने, अवैध रूप से मलबे और कचरे फेंकने पर रोक लगाने और पर्यावरण नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के प्रति समर्पित होगा।

वर्मा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘डबल इंजन’ सरकार के नेतृत्व में हम यमुना के पुनरुद्धार और इसके डूब क्षेत्र की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वर्षों के अवैध अतिक्रमण और कचरा फेंके जाने के कारण यमुना नदी अवरुद्ध हो गई है।’’

उन्होंने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी इस संबंध में प्रादेशिक सेना के साथ औपचारिक संवाद करेंगी। मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार कार्य बल की तैनाती के लिए पूर्ण रूप से धन मुहैया कराएगी, जो नियमित गश्त, अनधिकृत निर्माण को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा कि नदी के किनारों पर कचरा और निर्माण कार्य का मलबा न फेंका जाए।

उन्होंने कहा कि भाजपा की ‘डबल इंजन’ सरकार (केंद्र और दिल्ली की भाजपा सरकार) के तालमेल के साथ काम करने से ‘यमुना कार्य बल’ नदी के पारिस्थितिक संतुलन का पुनरुद्धार करने, प्रदूषण को रोकने और टिकाऊ भूमि उपयोग सुनिश्चित करने के लिहाज से ‘पासा पलटने’ वाला साबित होगा।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने फरवरी में अपने ‘विकसित दिल्ली संकल्प पत्र’ में यमुना को साफ और पुनर्जीवित करने का वादा किया था। घोषणापत्र में कहा गया था कि नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ‘यमुना कोष’ की स्थापना की जाएगी ताकि इसमें गिरने वाले नालों के गंदे पानी का पूरी तरह उपचार किया जा सके।

विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यमुना नदी को साफ करने के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा किया था।

भाषा संतोष दिलीप

दिलीप



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