जम्मू, नौ मार्च (भाषा)जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कठुआ जिले में तीन नागरिकों की हत्या की विस्तृत जांच के आदेश दिए। वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसे ‘आतंकवादी कृत्य’ करार दिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है।
वरुण सिंह (15), उसके चाचा योगेश सिंह (32) और मामा दर्शन सिंह (40) के शव शनिवार को कठुआ जिले के सुदूर मल्हार इलाके में ईशू नाले से बरामद किए गए थे। तीनों पांच मार्च को एक विवाह समारोह से लापता हो गए थे।
उपराज्यपाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने विस्तृत और पारदर्शी जांच के आदेश दिए हैं और परिवारों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि वह तीनों की नृशंस हत्या से स्तब्ध और दुखी हैं।
सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं लोगों को आश्वासन देता हूं कि अपराधियों को जल्द से जल्द न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। न्याय होगा और जवाबदेही तय की जाएगी।’’
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि तीन नागरिकों की हत्या आतंकवादियों ने की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में माहौल खराब करने की ‘‘गहरी साजिश’’ है। वह लोकसभा में उधमुपर का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसके तहत कठुआ आता है।
इन हत्याओं के बाद जिले में विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है।
मंत्री ने ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘कठुआ जिले के बानी इलाके में आतंकवादियों द्वारा तीन लोगों की नृशंस हत्या बेहद दुखद और चिंताजनक है। इस शांतिपूर्ण क्षेत्र में माहौल खराब करने के पीछे एक गहरी साजिश प्रतीत होती है।’’
उन्होंने कहा, “हमने इस मामले पर संबंधित अधिकारियों से चर्चा की है। केंद्रीय गृह सचिव खुद जम्मू पहुंच रहे हैं, ताकि मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया जा सके। मुझे पूरा विश्वास है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और लोगों का विश्वास मजबूत बना रहे।”
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन यहां एक बैठक में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हत्याओं को ‘बर्बर’ करार दिया।
अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कठुआ में एक नाबालिग लड़के सहित तीन निर्दोष नागरिकों की बर्बर हत्या से गहरा सदमा और दुख हुआ है। इस तरह के जघन्य कृत्यों का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।’’
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने भी हत्याओं पर शोक व्यक्त किया और कहा, “बढ़ते अपराध चिंता का विषय हैं।”उन्होंने बनी से विधायक रामेश्वर सिंह पर हुए ‘जानलेवा’ हमले पर भी चिंता व्यक्त की।
चौधरी ने बानी के विधायक रामेश्वर सिंह पर हुए जानलेवा हमले पर भी चिंता व्यक्त की। चौधरी पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उस समय हमला किया जब वह शनिवार देर रात बिलावर के एक स्थानीय अस्पताल में मृतक के परिवार के सदस्यों से मिलने गए थे।
कांग्रेस ने स्थानीय लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की।
इस बीच, वरिष्ठ भाजपा नेता सुनील शर्मा ने कहा कि कश्मीर में दफनाए गए आतंकवाद को जम्मू में सिर उठाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शर्मा ने कठुआ के बिलावर क्षेत्र में हुई हत्याओं की निंदा करने के लिए एकत्रित प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि आतंकवादियों ने एक नया तरीका अपनाया है, जिसके तहत वे लोगों की केवल हत्या करने के लिए नहीं बल्कि भ्रम पैदा करने के लिए हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
शर्मा ने पार्टी विधायकों सतीश शर्मा और राजीव जसरोटिया के साथ बिलावर का दौरा किया। भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घटना के बारे में जानकारी दी जिन्होंने उनसे बिलावर के लोगों को यह बताने के लिए कहा कि वह उनके साथ खड़े हैं।
शर्मा ने बिलावर के फिंतर चौक पर उपस्थित लोगों से कहा, ‘‘हम एक नया तरीका देख रहे हैं, जिसमें आतंकवादी लोगों को मारने के लिए हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं…यह भ्रम पैदा करने के लिए किया गया कृत्य है। जम्मू क्षेत्र को पाकिस्तान के इशारे पर जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है, जो भारत के विश्व शक्ति बनने में बाधा डालना चाहता है।’’
भाजपा कार्यकर्ताओं ने बिलावर सहित कठुआ में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जहां तीन व्यक्तियों की हत्या के विरोध में पूर्ण बंद रखा गया।
इस बीच, पूर्व सांसद चौधरी लाल सिंह सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने क्षेत्र में जाने से रोक दिया, जिसका पार्टी ने कड़ा विरोध किया।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि कठुआ जिले में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है और यह गृह मंत्रालय की कथित विफलता को दर्शाता है जो जम्मू-कश्मीर में कानून- व्यवस्था की स्थिति को सीधे नियंत्रित कर रहा है।
चौधरी लाल सिंह ने कहा, ‘‘हम दोषियों की पहचान के लिए जांच और मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग करते हैं।’’
जम्मू-कठुआ-सांबा रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक शिव कुमार ने कहा कि मामले के सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा और जांच के नतीजे जल्द ही जनता के साथ साझा किए जाएंगे।
डीआईजी कुमार ने कठुआ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शोभित सक्सेना और अतिरिक्त उपायुक्त विनय खोसला के साथ बिलावर में मल्हार, मलाड, मरहून, देओटा और आसपास के क्षेत्रों के प्रदर्शनकारी स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।
कुमार ने बिलावर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है। इसके साथ ही लोग सुरक्षित महसूस करें इसके लिए ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) को मजबूत किया जाएगा। जो लोग सुरक्षा ग्रिड का हिस्सा बनना चाहते हैं, उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ पुलिस और विशेष अभियान समूह (एसओजी) के कई जवान पहले से ही क्षेत्र की सुरक्षा के लिए वहां मौजूद हैं।
इस बीच, कठुआ के एक अस्पताल में विशेष रूप से गठित चिकित्सकों की टीम ने मृतकों का पोस्टमार्टम किया और शवों को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंप दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि शव रविवार देर शाम परिजनों को सौंपे गए और उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।
तीन नागरिकों की हत्या के विरोध में रविवार को बिलावर और आसपास के इलाकों में बंद रखा गया।
स्थानीय भाजपा नेता गोपाल कृष्ण ने कहा, ‘‘यह आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्याओं का स्पष्ट मामला है, जो शांतिपूर्ण क्षेत्र को भय और आक्रोश के माहौल में झोंक रहा है… हम चाहते हैं कि सरकार पिछले एक साल से जंगलों में छिपे आतंकवादियों को निष्क्रिय करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान तेज करे।’’ उन्होंने फिंतर चौक पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह का नेतृत्व किया।
मृतक के परिवार से मिलने पहुंचे वरिष्ठ भाजपा नेता और बिलावर विधायक सतीश शर्मा ने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगी कि तीनों नागरिकों की हत्या किसने की।
उन्होंने कहा, ‘‘यह जांच का विषय है क्योंकि किसी ने नहीं देखा कि उनकी हत्या कैसे की गई। पुलिस मामले में आतंकवाद के पहलू सहित सभी पहलुओं की जांच कर रही है।’’
भाषा धीरज नरेश
नरेश