असम विधानसभा ने स्वायत्त परिषदों का प्रभार राज्यपाल को सौंपने के प्रावधान वाले विधेयक पारित किए

Ankit
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गुवाहाटी, छह मार्च (भाषा) असम विधानसभा ने बृहस्पतिवार को सात स्वायत्त परिषदों से संबंधित संशोधन विधेयक पारित किए, जिनके तहत निर्वाचित समितियों के विस्तारित कार्यकाल के अंत में भी चुनाव कराना ‘अव्यावहारिक’ पाए जाने पर राज्यपाल को इन निकायों का कामकाज संभालने का अधिकार दिया गया है।


विधेयक पेश करने वाले जनजातीय मामलों के मंत्री रनोज पेगू ने कहा कि इन निकायों को चलाने वाली निर्वाचित परिषदों का कार्यकाल अधिकतम एक वर्ष के लिए बढ़ाने का प्रावधान है।

उन्होंने कहा, ‘‘समस्या तब पैदा होती है, जब विस्तारित अवधि के समाप्त होने के बाद भी चुनाव नहीं हो पाते। इसलिए ये संशोधन विधेयक लाए गए हैं।’’

संशोधन विधेयक माइजिंग स्वायत्त परिषद, बोडो कछारी कल्याण स्वायत्त परिषद, थेंगल कछारी स्वायत्त परिषद, देवरी स्वायत्त परिषद, सोनोवाल कछारी स्वायत्त परिषद, राभा हसोंग स्वायत्त परिषद और तिवा स्वायत्त परिषद से संबंधित हैं।

संशोधन में कहा गया है कि यदि राज्यपाल को लगता है कि सामान्य परिषद और कार्यकारी परिषद के कार्यकाल या विस्तारित कार्यकाल के पूरा होने के बाद ‘ऐसी परिस्थितियां हैं जो चुनाव कराना अव्यावहारिक बनाती हैं’, तो वह इन परिषदों की किसी भी या सभी शक्तियों और कार्यों को अपने हाथ में ले सकते हैं और शक्तियों और कार्यों का प्रयोग करने के लिए किसी व्यक्ति या अंतरिम परिषद या प्राधिकरण को नियुक्त कर सकते हैं। निर्वाचित परिषदों का सामान्य कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश



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