मुंबई, छह मार्च (भाषा) पिछले कैलेंडर वर्ष में सक्रिय उधारकर्ताओं की वृद्धि के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। एक क्रेडिट सूचना कंपनी की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले आई रिपोर्ट में सीआरआईएफ हाई मार्क ने कहा कि महिलाओं ने ऋण प्रतिबद्धताओं के बेहतर पुनर्भुगतान के माध्यम से संपत्ति की गुणवत्ता में भी पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
रिपोर्ट कहती है कि सक्रिय ऋण वाली महिला उधारकर्ताओं की संख्या दिसंबर, 2024 तक 10.8 प्रतिशत बढ़कर 8.3 करोड़ हो गई। यह पुरुषों के मामले में दर्ज 6.5 प्रतिशत वृद्धि से अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाएं कर्ज चुकाने के मामले में पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। सोने के बदले लिए जाने वाले कर्ज और दोपहिया वाहनों पर कर्ज को छोड़कर अधिकांश ऋण उत्पादों में महिलाएं कहीं बेहतर उधार व्यवहार प्रदर्शित कर रही हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी-दिसंबर, 2024 के दौरान आवास ऋण, व्यवसाय ऋण, कृषि एवं ट्रैक्टर कर्ज, संपत्ति ऋण और शिक्षा ऋण में महिलाओं के व्यवहार में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। महिलाओं ने पुरुषों के उलट टिकाऊ उपभोक्ता ऋण के मामले में भी सुधार दिखाया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी ऋणदाताओं ने 2024 में महिलाओं को ऋण देने में अधिक सहजता दिखाई। वर्ष 2024 के अंत में महिला कर्जदारों का बकाया पोर्टफोलियो 18 प्रतिशत बढ़कर 36.5 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि कर्जदारों की संख्या में उनकी हिस्सेदारी लगभग 24 प्रतिशत पर स्थिर रही।
रिपोर्ट कहती है कि 35 वर्ष या उससे कम उम्र की महिला उधारकर्ता ऋण उत्पत्ति की मात्रा में सबसे अधिक हिस्सेदारी का प्रतिनिधित्व करती हैं। ऋण उत्पत्ति में महिलाओं की हिस्सेदारी 43.8 प्रतिशत हो गई है।
राज्यों के स्तर पर महाराष्ट्र गृह ऋण, व्यवसाय ऋण, संपत्ति ऋण, वाहन ऋण, क्रेडिट कार्ड और शिक्षा ऋण के मामले में सबसे ऊपर है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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