नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) जीएसटी परिषद ने किसी राज्य में प्राकृतिक आपदा की स्थिति में विशेष आपदा उपकर लगाने के लिए एकसमान नीतियां सुझाने को मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) का गठन किया है।
यह जीओेम उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के नेतृत्व में गठित किया गया है। सात सदस्यीय मंत्री समूह प्राकृतिक आपदा के मामले में राजस्व जुटाने के लिए राज्यों द्वारा विशेष उपकर लगाने की संवैधानिक और कानूनी व्यवहार्यता की भी जांच करेगा।
मंत्रियों का यह समूह इसकी भी पड़ताल करेगा कि क्या विशेष उपकर कुछ विशिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित होना चाहिए या इसे सभी क्षेत्रों पर लागू किया जाना चाहिए। इसके साथ इसे बी2बी आपूर्ति या बी2सी आपूर्ति या दोनों पर लागू किए जाने की संभावना भी तलाशी जाएगी।
जीओएम के अन्य सदस्यों में असम (अजंता नियोग), छत्तीसगढ़ (ओ पी चौधरी), गुजरात (कनुभाई देसाई), केरल (के एन बालगोपाल), उत्तराखंड (प्रेमचंद अग्रवाल) और पश्चिम बंगाल (चंद्रिमा भट्टाचार्य) के वित्त मंत्री शामिल हैं।
जीओएम जीएसटी व्यवस्था के तहत राज्यों के स्तर पर यह विशेष उपकर लगाने के उद्देश्य से किसी घटना को प्राकृतिक आपदा/आपदा के रूप में वर्गीकृत करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ढांचे की भी जांच और पहचान करेगा।
इसके अलावा जीओएम उपकर की दर संरचना और समय अवधि की भी सिफारिश करेगा।
जीओएम इस पर भी गौर करेगा कि जीएसटी की मूल संरचना में बदलाव किए बगैर प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राज्यों की मदद के लिए क्या कोई वैकल्पिक तंत्र तैयार किया जा सकता है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई जीएसटी परिषद की 21 दिसंबर, 2024 को हुई बैठक में किसी राज्य में प्राकृतिक आपदा/ आपदा के मामले में उपकर लगाने पर एकसमान नीतियों की जांच करने के लिए एक जीओएम बनाने का निर्णय लिया गया था।
इस बैठक में आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने राज्य में उपभोग की जाने वाली कुछ विलासिता की वस्तुओं पर एक प्रतिशत आपदा उपकर लगाने की मांग की थी। केशव ने कहा था कि इस उपकर से मिलने वाले अतिरिक्त राजस्व का इस्तेमाल सितंबर-अक्टूबर, 2024 में राज्य में आई बाढ़ से उत्पन्न राहत कार्यों के लिए किया जाएगा।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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