पटना, छह मार्च (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो ताड़ी निकालने वालों को नीतीश कुमार सरकार द्वारा लाए गए कड़े शराबबंदी कानून के दायरे से बाहर कर दिया जाएगा।
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह घोषणा की और दावा किया कि इस कदम से ‘गरीब लोगों, खासकर दलितों को राहत मिलेगी, जो आबकारी कानून के कठोर प्रावधानों के कारण कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं’। अप्रैल 2016 में राज्य में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
यादव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री की हठधर्मिता के कारण कानून को इस रूप में लाया गया।
प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री राज्य पर शासन करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से अब फिट नहीं हैं।
यादव ने अपने पिता और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के शासनकाल को याद करते हुए कहा, “उन्होंने (लालू यादव ने) ताड़ी की बिक्री पर लगने वाले करों में छूट दी थी। इससे आबादी के सबसे गरीब तबके को राहत मिली। सत्ता में आने पर हम भी ऐसा ही करेंगे। इसके अलावा, हम ताड़ी निकालने को शराबबंदी के दायरे से बाहर लाएंगे।”
तेजस्वी ने इस घोषणा को यह कहते हुए सही ठहराया, “हम किसी भी तरह के नशीले पदार्थों के सेवन को बढ़ावा देने के पक्ष में नहीं हैं। वास्तव में, अगर हम सत्ता में आए तो हम नशा मुक्ति अभियान शुरू करेंगे जो सामाजिक बुराई का एकमात्र प्रभावी उपाय है।”
उन्होंने कहा, “हम इस तथ्य के प्रति भी संवेदनशील हैं कि अवैध शराब के कारोबार में शामिल बड़े माफिया पकड़ से बाहर हैं जबकि गरीबों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। हम इस विसंगति को ठीक करना चाहते हैं।”
यादव ने एक दिन पहले यहां आयोजित ‘युवा पंचायत’ में किए गए अपने वादों को भी दोहराया और सत्ता में आने पर ‘100 प्रतिशत डोमिसाइल नीति’ लाकर बिहार की युवा आबादी के हितों की रक्षा करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा सत्ता में आने पर उनकी सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म का शुल्क माफ करेगी और अभ्यर्थियों का यात्रा खर्च वहन करेगी। भाषा अनवर जितेंद्र
जितेंद्र