नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) सरकारी शोध संस्थान नीति आयोग और इंडिया एसएमई फोरम ने बृहस्पतिवार को पूरे देश में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए एक संयुक्त पहल ‘ए मिलियन वुमेन अराइज’ की शुरुआत की।
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय में निदेशक अंकिता पांडेय ने यहां इस पहल की शुरुआत करते हुए कहा कि महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यमों की हिस्सेदारी भारत के छह करोड़ पंजीकृत एमएसएमई में 35 प्रतिशत है। इसके बावजूद महिलाओं को स्त्री-पुरुष विभेद से जुड़े पूर्वाग्रहों और बाजारों तक सीमित पहुंच जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, ‘‘एमएसएमई मंत्रालय संगठित क्षेत्र के विस्तार, सलाह, क्षमता निर्माण और ई-कॉमर्स एकीकरण को बढ़ाने वाली पहल के माध्यम से इस फासले को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
इस अवसर पर नीति आयोग की प्रमुख आर्थिक सलाहकार और महिला उद्यमिता मंच (डब्ल्यूईपी) की मिशन निदेशक अन्ना रॉय ने कहा, ‘‘यह मंच एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी है, जो महिला उद्यमियों को समर्थन देने के लिए एमएसएमई सहित प्रमुख मंत्रालयों को एक साथ लाता है। मौजूदा कार्यक्रमों को एकीकृत करके हमारा लक्ष्य वित्त, बाजार, अनुपालन मदद, कौशल, सलाह और नेटवर्किंग तक पहुंच के जरिये एक सुसंगत समर्थन प्रणाली बनाना है।’’
इंडिया एसएमई फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा, ‘‘नीति आयोग के साथ इस सहयोग से हमारा लक्ष्य लाखों महत्वाकांक्षी महिला उद्यमियों तक डब्ल्यूईपी की पहल को विस्तारित करना, उन्हें सफल व्यवसाय बनाने के लिए जरूरी ज्ञान और मदद देना है।’’
इंडिया एसएमई फोरम ने एमएसएमई को बेहतर यात्रा समाधान प्रदान करने, उनकी वृद्धि और गतिशीलता को मजबूती देने के लिए इंडिगो के साथ रणनीतिक साझेदारी वाले एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
एक बयान के मुताबिक, यह साझेदारी मंच के सदस्यों को उनके कारोबार विस्तार में सहायता के लिए विशेष यात्रा लाभ, अनुकूलित भत्ते और निर्बाध संपर्क मुहैया कराएगी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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