वाशिंगटन, छह मार्च (एपी) अमेरिकी वायुसेना के पूर्व सैनिक नैथन हूवेन दिव्यांग हैं और उन्होंने पिछले साल नवंबर में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के लिए मतदान किया था। बमुश्किल तीन महीने बाद, अब वह बेरोजगार हैं और कहते हैं कि राष्ट्रपति द्वारा संघीय सरकार के आकार घटाने की वजह से वह ठगा से महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।
हूवेन को वर्जीनिया में पूर्व सैनिकों के चिकित्सा केंद्र से फरवरी में नौकरी से निकाल दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कई अन्य पूर्व सैनिकों ने भी इसी तरह से मतदान किया है, और हमारे साथ विश्वासघात किया गया है।’
उन्होंने कहा, “मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरा जीवन और मेरे जैसे कई लोगों का जीवन, जिन्होंने इस देश के लिए बहुत कुछ त्याग किया है, नष्ट किया जा रहा है।”
जनवरी में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से संघीय कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी की जा रही है और इससे पूर्व इससे पूर्व सैनिक काफी प्रभावित हैं जिनकी देश के संघीय कार्यबल में 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
अपनी नौकरी खो चुके पूर्व सैनिकों की सटीक संख्या का पता नहीं है। हालांकि पिछले महीने डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने अनुमान लगाया था कि यह संख्या संभवतः हजारों में है।
पूर्व सैनिक विभाग अपने पुनर्गठन की योजना बना रहा है, जिसमें लाखों पूर्व सैनिकों को स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सेवाएं प्रदान करने वाली इस एजेंसी से 80,000 से अधिक नौकरियों में कटौती शामिल है। इस विभाग में 25 फीसदी कर्मचारी पूर्व सैनिक हैं।
इस बाबत अमेरिकी समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटिड प्रेस’ को प्राप्त आंतरिक मेमो से यह जानकारी मिली है।
दोनों दलों के उम्मीदवारों का समर्थन करने वाले कई पूर्व सैनिकों ने नौकरी से निकाले जाने को उनकी सैन्य सेवा के साथ विश्वासघात बताया है।
पूर्व सैनिक जेम्स स्टैंसिल (62) को पिछले महीने मिल्वौकी के एक अस्पताल में आपूर्ति तकनीशियन के पद की नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा महसूस हुआ जैसे उन्हें गोली मार दी गई हो और फिर हेलीकॉप्टर से नीचे फेंक दिया गया हो।
स्टेंसिल ने पिछले वर्ष हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस का समर्थन किया था।
पूर्व सैन्य कर्मी मैथ्यू सिम्स को भी पिछले महीने एक अस्पताल से नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने ट्रंप के लिए मतदान किया था । उन्होंने कहा कि वह संघीय सरकार के आकार को कम करने का समर्थन करते हैं, लेकिन इस तरह से नहीं।
एपी नोमान मनीषा
मनीषा