बलिया (उप्र), पांच मार्च (भाषा) सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर अपनी पार्टी के एक स्थानीय पदाधिकारी के साथ कथित दुर्व्यवहार के मामले में आरोपी पुलिस उप निरीक्षक सहित दो पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के बावजूद सात मार्च को बांसडीह तहसील के घेराव का नेतृत्व करेंगे।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय महासचिव और ओम प्रकाश राजभर के पुत्र अरुण राजभर ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि जिला प्रशासन ने आरोपी पुलिस उप निरीक्षक सहित दो पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है और मुकदमा भी दर्ज हो गया है, लेकिन अभी तक दोषी तहसील कर्मी दीपक के विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि तहसील कर्मी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के खिलाफ सात मार्च को बांसडीह कोतवाली अंतर्गत बांसडीह तहसील पर घेराव और प्रदर्शन होगा जिसका नेतृत्व पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर करेंगे।
अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बुधवार को बांसडीह थाना कोतवाली में नियुक्त उप निरीक्षक रंजीत विश्वकर्मा और आरक्षी शैलेश कुमार को सुभासपा नेता उमापति राजभर के साथ दुर्व्यवहार और कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
पुलिस अधीक्षक ने बांसडीह क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक प्रभात कुमार की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की है। इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है।
बांसडीह के उप जिलाधिकारी अभिषेक प्रियदर्शी ने ’पीटीआई-भाषा’ को बताया कि तहसील में कार्यरत दीपक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है, क्योंकि घटना में उसकी कोई गलती नहीं है।
उमापति राजभर ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया है कि वह चार मार्च को दोपहर में बांसडीह तहसील परिसर में थे, तभी एक कार का पहिया उनके पैर पर चढ़ गया।
उन्होंने दावा किया कि इस कार का चालक उप जिलाधिकारी का कर्मी दीपक है और दीपक ने उन्हें अपशब्द बोले और जान से मारने की धमकी दी।
उमापति राजभर ने दावा किया कि दीपक ने इसके बाद बांसडीह पुलिस चौकी प्रभारी रंजीत विश्वकर्मा को फोन कर बुलाया और वह उन्हें लेकर पुलिस चौकी गए, जहां उनकी पिटाई की गई।
भाषा सं राजेंद्र मनीषा नोमान
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