कोलकाता, चार मार्च (भाषा) यादवपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर में एक मार्च को (पश्चिम बंगाल के) शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की मौजूदगी में वामपंथी और वाम चरमपंथी छात्र संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के आदेश देने के मुद्दे पर मंगलवार को चर्चा की।
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में कार्यवाहक कुलपति भास्कर गुप्ता, अन्य अधिकारियों और चार शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से उच्च शिक्षा विभाग के समक्ष छात्र संघ चुनाव कराने का मुद्दा उठाने का भी निर्णय लिया जो 2020 से लंबित है।
गुप्ता अस्वस्थ हैं, इसलिए वह अपने घर से ही डिजिटल माध्यम से बैठक में शामिल हुए। कार्यवाहक रजिस्ट्रार डॉ. इंद्रजीत बनर्जी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद थे।
एक मार्च को विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब हंगामे के दौरान बसु के काफिले की एक कार से कथित रूप से टकराने से दो छात्र घायल हो गए।
यह घटना उस समय घटित हुई जब वामपंथी विद्यार्थियों ने मंत्री को परिसर से बाहर जाने से रोकने का प्रयास किया तथा छात्र संघ चुनाव कराने के विषय पर चर्चा की मांग की, जो कई वर्षों से नहीं हुए थे।
विरोध प्रदर्शन के दौरान बसु की कार का शीशा क्षतिग्रस्त कर दिये जाने से वह खुद भी घायल हो गए। परिसर में तृणमूल कांग्रेस समर्थित गैर-शिक्षण कर्मचारी संघ के कार्यालय को भी आग के हवाले कर दिया गया।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि मंगलवार को विचार-विमर्श के दौरान, प्रोफेसर के एक से अधिक संगठनों ने मांग की कि विश्वविद्यालय प्रशासन एक मार्च की पूरी घटना क्रम की उच्च स्तरीय जांच शुरू करे – जिसमें तृणमूल कांग्रेस के प्रति झुकाव वाले शिक्षक संगठन डब्ल्यूबीसीयूपीए की बैठक से लेकर परिसर के अंदर आगजनी तक शामिल है।
उन्होंने कहा कि कार्यवाहक कुलपति भास्कर गुप्ता ने तत्काल सामान्य स्थिति बहाल करने और उच्च स्तरीय जांच बैठाने की मांगों पर सहमति जताई, लेकिन उन्होंने इसका दायरा और प्रकृति स्पष्ट नहीं की।
गुप्ता से फिलहाल संपर्क नहीं हो पाया है।
वह विद्यार्थियों के एक समूह द्वारा उनके साथ की गई मारपीट के बाद दो मार्च से परिसर में नहीं आ रहे हैं।
भाषा
राजकुमार पवनेश
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