भोपाल, चार मार्च (भाषा) गोदरेज इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज ने प्रौद्योगिकी और जीसीसी जैसे क्षेत्रों में देश की सफलता का हवाला देते हुए कहा है कि भारत में दुनिया के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) समाधानों के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरने की क्षमता है।
गोदरेज ने कहा कि वर्ष 2047 तक देश का ‘विकसित भारत’ का दृष्टिकोण प्रगतिशील सुधारों, कारोबारी सुगमता, शिक्षा के माध्यम से सशक्तीकरण और नए दौर की प्रौद्योगिकी में देश को हासिल बढ़त से प्रेरित होगा।
उन्होंने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की भी वकालत की।
गोदरेज ने कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था का विस्तार होने के साथ भारत में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ेगी जो कि वृद्धि क एक बड़ा कारक होगा। एआई जैसी चीजें आने से भारत में बहुत संभावनाएं हैं। उम्मीद है कि हम भारत से बहुत कुछ आते हुए देखेंगे।’’
उन्होंने कहा कि देश सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग में मिली कामयाबी को एआई के क्षेत्र में भी दोहरा सकता है।
गोदरेज ने कहा, ‘‘हमारे आईटी उद्योग की तरह हम बाकी दुनिया को एआई मुहैया कराने का केंद्र भी बन सकते हैं। हमारे वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) बहुत अच्छा कर रहे हैं, और हम कुछ नई प्रौद्योगिकी में भी जीसीसी खड़ा कर सकते हैं।’’
उन्होंने अधिक सुधारों, नियमन में कटौती और कारोबार को सुगम बनाने की वकालत करते हुए कहा कि लोगों के सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, और अधिक महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनाने की आवश्यकता है।
गोदरेज ने हाल ही में मध्य प्रदेश वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन के दौरान पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि गोदरेज इंडस्ट्रीज ने मालनपुर में अपने कारखाने का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है, और विस्तारित क्षमता इस साल के अंत में तैयार हो जानी चाहिए।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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