आजादी के बाद कांग्रेस ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई नहीं बल्कि ‘थोपी’ गई सरकार बनाई: खट्टर |

Ankit
3 Min Read


पटना, चार मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने देश में एक ऐसी सरकार बनाई, जो लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई नहीं थी बल्कि ‘थोपी’ गई थी।


वरिष्ठ भाजपा नेता खट्टर ने यह दावा भी किया कि जनसंघ का गठन कांग्रेस को सत्ता के मद में ‘निरंकुश’ हो जाने से रोकने के लिए किया गया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल ने लोकतंत्र पर ‘प्रश्नचिह्न’ लगा दिया था।

खट्टर ने आरोप लगाया, ‘‘स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार नहीं बनाई। एक तरीके से यह थोपी हुई सरकार थी। 1951 में, पहले आम चुनाव से एक साल पहले, हमारे पूर्वजों ने भारतीय जनसंघ का गठन किया जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि शासन निरंकुश न हो जाए।”

केंद्रीय मंत्री भाजपा की बिहार इकाई द्वारा आयोजित राज्य पार्टी परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे, जिसमें दिलीप जायसवाल को सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष चुना गया।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि वह इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले लोकनायक जयप्रकाश नारायण की रैली में शामिल होने के लिए दिल्ली गए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं तब 21 साल का था। इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर देश के लोकतंत्र के सामने प्रश्नचिन्ह लगा दिया था। मॉरिस नगर इलाके में रैली में जेपी ने जो कुछ कहा, शायद मैं उसे ज्यादा समझ न पाया हो। लेकिन उस भाषण ने मुझे राष्ट्र की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित किया।’’

भाजपा नेता ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘हम उन दिनों से बहुत आगे निकल गए हैं, जब भाजपा सरकार बनाने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी। आज हम केंद्र में शासन कर रहे हैं और 20 राज्यों में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की सरकारें हैं, जिनमें से 14 में विशुद्ध भाजपा की सरकारें हैं।’’

केंद्रीय मंत्री ने सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी की आवश्यकता पर भी जोर दिया और आरएसएस विचारक दीन दयाल उपाध्याय के एक कथन को उद्धृत करते और कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता का इस्तेमाल हमेशा सेवा के लिए किया जाना चाहिए, न कि स्वार्थ की पूर्ति के लिए।

भाषा अनवर पारुल ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *