लखनऊ, चार मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की पर्याप्त संख्या है और राज्य में जर्जर घोषित नहीं किये गये एक भी संचालित विद्यालय को बंद नहीं किया गया है।
राज्य विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) की सदस्य डॉक्टर रागिनी सोनकर ने अनेक विद्यालयों को बंद किए जाने की खबरों तथा शिक्षकों की उपलब्धता और उनके प्रशिक्षण के मुद्दों को सदन में उठाया।
इसका जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा, ”जहां पर बच्चे पढ़ रहे हैं और जो जर्जर घोषित नहीं है, ऐसे किसी भी विद्यालय को बंद करने का कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। बल्कि स्कूलों की गुणवत्ता और उनकी उपलब्धता को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा विश्व स्तरीय नए विद्यालयों को सीएम मॉडल कंपोजिट स्कूल के रूप में तैयार किया जा रहा है। ये विद्यालय अटल आवासीय विद्यालय की तर्ज पर तैयार किए जाएंगे। प्रदेश के 57 जिलों में उन्हें बनाने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। यह विद्यालय विश्व स्तरीय होंगे।”
सपा सदस्य ने सवाल किया था कि जनता और जनप्रतिनिधियों को अखबारों से पता चलता रहता है कि बेसिक शिक्षा के अनेक स्कूलों को सरकार बंद करने के बारे में सोच रही है।
सिंह ने कहा, ”सदन में शिक्षकों की उपलब्धता को लेकर भी प्रश्न किया गया। मैं बताना चाहता हूं कि हमारे पास पर्याप्त शिक्षक हैं, लेकिन कुछ विद्यालय ऐसे हैं जहां पर छात्र ज्यादा हैं और शिक्षक कम हैं। ज्यादातर विद्यालयों में छात्रों और शिक्षकों का उचित अनुपात है लेकिन जितने विद्यालयों में शिक्षक कम हैं उनमें सरकार ने शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन उसके प्रारंभ होते ही उसे अदालत के समक्ष रख दिया गया और वह प्रक्रिया अभी रुकी हुई है। जैसे ही वह पूरी हो जाएगी, उत्तर प्रदेश में ऐसा कोई विद्यालय नहीं होगा जहां पर छात्रों और शिक्षकों का अनुपात पूरा ना हो।”
शिक्षकों के प्रशिक्षण के बारे में बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया, ”हमारे शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्य अलग-अलग मंचों पर कराया जा रहा है। खासतौर पर डिजिटल लर्निंग को लेकर प्रदेश के सभी 880 विकासखंडों में आईसीडी लैब की स्थापना की गई है। इसके माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वर्ष 2024-25 में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से एक लाख 65 हजार 299 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है।
उन्होंने कहा, ”उत्तर प्रदेश में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट क्लासेस और हर कक्षा में दो-दो टैबलेट की पहुंचाने के लिए कार्य किये जा रहे हैं। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक दोनों ही तरह के विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस की सुविधा उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जा रही है।”
भाषा सलीम मनीषा
मनीषा