पद्माकर शिवालकर कुछ अन्य की तुलना में भारतीय टीम में खेलने के अधिक हकदार थे: सुनील गावस्कर |

Ankit
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मुंबई, तीन मार्च (भाषा) महान सुनील गावस्कर ने सोमवार को मुंबई और घरेलू क्रिकेट के दिग्गज पद्माकर शिवालकर को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि ‘कुछ अन्य की तुलना में भारतीय टीम में खेलने के अधिक हकदार थे’।


 बाएं हाथ के स्पिनर शिवालकर देश के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक थे जिन्हें कभी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। उनका सोमवार को यहां उम्र संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया।

गावस्कर ने शिवालकर के निधन पर एक भावुक संदेश लिखा। शिवालकर के निधन से कुछ दिन पहले 19 फरवरी को मुंबई के पूर्व कप्तान और मुख्य चयनकर्ता मिलिंद रेगे का भी निधन के बाद हुआ।

गावस्कर ने अपने संदेश में लिखा, ‘‘यह वाकई बहुत दुखद खबर है। कुछ ही समय में मुंबई क्रिकेट ने अपने दो दिग्गज खिलाड़ियों मिलिंद और पद्माकर को खो दिया है। यह दोनों कई जीत के सूत्रधार थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय कप्तान के तौर पर मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को ‘पैडी’ को टेस्ट टीम में शामिल करने के लिए राजी नहीं कर पाया। वह कुछ अन्य गेंदबाजों की तुलना में भारतीय टीम में शामिल होने के अधिक हकदार थे। आप इसे किस्मत कह सकते हैं।’’

शिवालकर ने 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और 48 साल की उम्र तक खेलते रहे। उनका प्रथम श्रेणी करियर 1961-62 से 1987-88 सत्र तक चला। उन्होंने कुल 124 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 19.60 की औसत से 589 विकेट लिए, जिनमें से 361 विकेट रणजी ट्रॉफी में आए।

इस बायें हाथ के पूर्व स्पिनर की तारीफ करते हुए गावस्कर ने लिखा, ‘‘वह ऐसे गेंदबाज थे जो प्रतिद्वंद्वी टीम के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को आउट कर मुंबई के लिए जीत सुनिश्चित करते थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ वह अपने किफायती रन अप और खूबसूरत एक्शन के साथ पूरे दिन गेंदबाजी कर सकते थे। ‘पैडी’ एक अनोखे व्यक्ति थे और उनके निधन से मैं बहुत दुखी हूँ। ओम शांति।’’

भाषा आनन्द

आनन्द



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