पणजी (गोवा), तीन मार्च (भाषा) केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने सोमवार को कहा कि सरकार के पास कल्याणकारी योजनाओं की जरूरतों को पूरा करने तथा कीमत नियंत्रण के लिहाज से बाजार हस्तक्षेप करने के लिए गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत इस वित्त वर्ष में आटा मिलों और प्रसंस्करण इकाइयों को 30 लाख टन गेहूं बेचा है और इस बात पर जोर दिया कि इसका लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाना चाहिए।
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफएमएफआई) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में चोपड़ा के संदेश को पढ़ा गया। इसमें उन्होंने कहा कि केंद्र, लक्षित सार्वजनिक वितरण योजना (टीपीडीएस) व अन्य कल्याणकारी योजनाओं (ओडब्ल्यूएस) के तहत खाद्यान्नों की कुशल खरीद, सुरक्षित भंडारण और समय पर वितरण जैसी पहल के माध्यम से भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के पास अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने और आवश्यक बाजार हस्तक्षेप के लिए गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है। इस वर्ष सरकार ने ओएमएसएस (डी) के माध्यम से प्रोसेसर/मिलर्स को 30 लाख टन गेहूं बेचा है।’’
भारत ने फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड 11.32 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन किया। सरकार को उम्मीद है कि अधिक रकबे के कारण वर्ष 2024-25 में भी बंपर फसल होगी।
चोपड़ा ने कहा कि केंद्र गेहूं के थोक भंडारण और आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी साइलो निर्माण कार्यक्रम भी लागू कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और गेहूं उत्पादन में आत्मनिर्भरता सरकार की एक प्रमुख प्राथमिकता है, और मिलिंग उद्योग इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’
भाषा राजेश राजेश अजय
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