चंडीगढ़, तीन मार्च (भाषा) पंजाब मंत्रिमंडल ने सोमवार को उद्योगपतियों के लिए दो एकमुश्त निपटान योजनाओं (ओटीएस) को मंजूरी दे दी ताकि वे प्रमुख केंद्रों में औद्योगिक भूखंडों के लिए अपने लंबे समय से लंबित बकाये का भुगतान कर सकें।
इस संबंध में निर्णय मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने कहा कि आप सरकार उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने उद्योगपतियों के लिए दो ओटीएस योजनाएं लाने को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 8,000 एकड़ भूमि पर फैले 52 मुख्य बिंदु हैं और इनमें 14,000 औद्योगिक भूखंड हैं।
पहली ओटीएस योजना के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि जिन प्लॉट धारकों ने अपनी भूमि वृद्धि शुल्क का भुगतान नहीं किया है, उन्हें अपने बकाये पर दंडात्मक और चक्रवृद्धि ब्याज का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
मंत्री ने कहा कि अब वे ओटीएस के तहत अपना बकाया चुकाने के लिए आठ प्रतिशत की दर से साधारण ब्याज दे सकते हैं, साथ ही चक्रवृद्धि और दंडात्मक ब्याज भी माफ कर दिया जाएगा।
दूसरी ओटीएस योजना के बारे में उन्होंने कहा कि जिन उद्योगपतियों को औद्योगिक प्लॉट आवंटित किए गए थे, लेकिन वे किसी कारण से अपनी मूल राशि का भुगतान नहीं कर सके, वे अब आठ प्रतिशत साधारण ब्याज के साथ अपना शुल्क चुका सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें चक्रवृद्धि और दंडात्मक ब्याज देने की जरूरत नहीं है।
मंत्री ने कहा कि ये दोनों एकमुश्त निपटान योजनाएं 31 दिसंबर, 2025 तक जारी रहेंगी। उन्होंने उद्योगपतियों से इस योजना का लाभ उठाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर मौजूद राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा ने उद्योगपतियों के लिए दो ओटीएस योजनाएं लाने के लिए आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा कि यह उद्योगपतियों की प्रमुख मांग थी और इससे छोटे और मध्यम उद्यमों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
भाषा राजेश राजेश अजय
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