(केविन विट्ज़ेनबर्गर, क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और माइकल रिचर्डसन, यूएनएसडब्ल्यू सिडनी)
सिडनी, तीन मार्च (द कन्वरसेशन) अपने प्रमुख उत्पादों में जनरेटिव एआई (कृत्रिम मेधा) को शामिल करने के एक वर्ष बाद, माइक्रोसॉफ्ट अब कीमतें बढ़ाकर, उत्पादों में विज्ञापन डालकर, तथा डेटा सेंटर के पट्टे रद्द करके लागत की भरपाई करने का प्रयास कर रहा है।
गूगल भी इसी प्रकार का कदम उठा रहा है, अपनी ‘वर्कस्पेस’ सेवा में अपरिहार्य एआई फीचर जोड़ते हुए कीमतें बढ़ा रहा है।
क्या जनरेटिव एआई में निवेश की दिशा में आखिरकार बदलाव आ रहा है? स्थिति इतनी सरल नहीं है। प्रौद्योगिकी कंपनियां नई तकनीक के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं – लेकिन लोगों से इसके लिए भुगतान करवाने के तरीके खोजने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
लागत में बदलाव
पिछले हफ्ते, माइक्रोसॉफ्ट ने कुछ नियोजित डेटा सेंटर के पट्टे अचानक से रद्द कर दिए। यह कदम कंपनी द्वारा अपने प्रमुख ‘365 सॉफ़्टवेयर’ के लिए सदस्यता की कीमतों में 45 प्रतिशत तक की वृद्धि करने और कुछ उत्पादों का विज्ञापन-समर्थित संस्करण चुपचाप जारी करने के बाद उठाया गया।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी के सीईओ सत्य नडेला ने भी हाल ही में कहा था कि एआई ने अब तक ज्यादा मूल्य पैदा नहीं किया है।
एआई के अति प्रचार की वर्तमान लहर में माइक्रोसॉफ्ट का यह कदम अजीब लग सकता है, क्योंकि यह ऐसे वक्त में उठाया गया है जब ‘ओपन एआई’ की 500 अरब अमेरिकी डॉलर की ‘स्टारगेट’ डेटा सेंटर परियोजना जैसी बड़ी घोषणाएं की गई हैं।
लेकिन अगर हम बारीकी से देखें तो माइक्रोसॉफ्ट के फैसलों में ऐसा कुछ भी नहीं है जो एआई से पीछे हटने का संकेत देता हो। बल्कि, हम एआई को लाभदायक बनाने की रणनीति में बदलाव देख रहे हैं, जिसके तहत लागत को उपभोक्ताओं पर अस्पष्ट तरीकों से डाला जा रहा है।
जनरेटिव एआई की लागत
जनरेटिव एआई महंगा है। ओपनएआई दावा करता है कि 40 करोड़ सक्रिय मासिक उपयोगकर्ताओं के साथ वह बाजार में अग्रणी तो है, लेकिन उसे घाटा हो रहा है।
पिछले वर्ष, ओपनएआई ने 3.7 अरब अमेरिकी डॉलर का राजस्व अर्जित किया – लेकिन लगभग नौ अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए, जिससे लगभग पांच अरब अमेरिकी डॉलर का शुद्ध घाटा हुआ।
माइक्रोसॉफ्ट ओपनएआई का सबसे बड़ा निवेशक है और वर्तमान में कंपनी को ‘क्लाउड कंप्यूटिंग’ सेवाएं प्रदान करता है, इसलिए ओपनएआई के खर्च से माइक्रोसॉफ्ट को भी नुकसान होता है।
जनरेटिव एआई इतना महंगा क्यों है? मानव श्रम को छोड़ दें, तो भी एआई मॉडल के साथ दो लागतें जुड़ी हुई हैं: प्रशिक्षण (मॉडल का निर्माण) और इंफरेंस (मॉडल का उपयोग करना)।
प्रशिक्षण (अक्सर बड़ा) दिखने वाला व्यय है, जबकि इंफरेंस की लागत उपयोगकर्ताओं के साथ बढ़ती है। मॉडल जितना बड़ा होगा, उसे चलाने की लागत उतनी ही अधिक होगी।
छोटे, सस्ते विकल्प
ओपन एआई के सबसे उन्नत मॉडल पर एक सवाल किया जाता है तो इसकी पूरी प्रक्रिया में लगने वाली कंप्यूटिंग पावर की लागत 1,000 अमेरिकी डॉलर तक हो सकती है।
जनवरी में ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा था कि कंपनी का 200 डॉलर प्रति महीने का सब्सक्रिप्शन भी मुनाफे वाला नहीं है। इससे पता चलता है कि कंपनी न केवल अपने मुफ्त मॉडल के इस्तेमाल से बल्कि अपने सब्सक्रिप्शन मॉडल के ज़रिए भी घाटे में है।
प्रशिक्षण और इंफरेंस दोनों ही आम तौर पर डेटा सेंटर में होते हैं। लागत अधिक होती है क्योंकि उन्हें चलाने के लिए आवश्यक चिप्स महंगे होते हैं, लेकिन बिजली, कूलिंग पर भी खर्च होता है और हार्डवेयर का मूल्यह्रास होता है।
माइक्रोसॉफ्ट क्या कर रहा है?
जनरेटिव एआई में अरबों डॉलर लगाने के बाद, माइक्रोसॉफ्ट ऐसा कारोबारी मॉडल खोजने की कोशिश कर रहा है जो इस प्रौद्योगिकी को लाभदायक बनाए।
द कन्वरसेशन
नोमान मनीषा
मनीषा