मुंबई, दो मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को उनके और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच ‘शीत युद्ध’ की अटकलों को खारिज कर दिया और शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत का मजाक उड़ाते हुये कहा कि वह(राउत) महान पटकथा लेखक सलीम-जावेद के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं।
फडणवीस सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के चार सप्ताह के बजट सत्र से पहले कैबिनेट बैठक और पारंपरिक चाय पार्टी के बाद उपमुख्यमंत्रियों शिंदे और अजीत पवार के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘कोई युद्ध नहीं है। जो लोग हम दोनों को जानते हैं, वे जानते होंगे कि जब हम साथ होते हैं तो हम क्या करते हैं।’’
फडणवीस ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति के सभी सहयोगी – भाजपा, शिवसेना और राकांपा – एकजुट होकर काम कर रहे हैं ।
शिवसेना के प्रमुख शिंदे ने कहा कि पिछले साल राज्य चुनावों में महायुति की शानदार जीत के बाद नयी सरकार की बजट सत्र के लिए सदन की पहली कार्यवाही होगी।
शिंदे ने कहा, ‘‘बस इतना हुआ है कि फडणवीस और मैंने अपनी कुर्सियां बदल ली हैं। केवल अजित पवार की कुर्सी वही है।’’
चुनाव से पहले शिंदे मुख्यमंत्री थे और फडणवीस उप मुख्यमंत्री के पद पर तैनात थे।
पवार ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘अगर आप अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए तो मैं क्या कर सकता हूं,’’ इस पर तीनों जोर से हंसने लगे।
फडणवीस ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने अपने पूर्ववर्ती द्वारा लिए गए निर्णयों पर रोक लगाई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने शिंदे द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय पर रोक नहीं लगाई है।’’
मुख्यमंत्री एवं उनके सहयोगियों ने शिवसेना नेता संजय राउत के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि शिंदे ने सुबह चार बजे पुणे में केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर फडणवीस के खिलाफ शिकायत की थी।
शिंदे ने कहा कि शाह भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के नेता हैं। पवार ने कहा कि यह सुबह 10 बजे की शिष्टाचार मुलाकात थी। फडणवीस ने कहा कि वह भी बैठक में मौजूद थे।
राउत ने रविवार को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में दावा किया कि यह बैठक 22 फरवरी को पुणे के कोरेगांव पार्क स्थित एक होटल में हुई थी।
उन्होंने दावा किया कि 57 विधायकों के नेता शिंदे को शाह से मिलने के लिए सुबह चार बजे तक जागना पड़ा।
फडणवीस ने कहा कि राउत सलीम खान और जावेद अख्तर की प्रतिष्ठित पटकथा लेखन जोड़ी सलीम-जावेद के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं, जबकि शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना (उबाठा) नेता के दिमाग में ‘केमिकल लोचा’ है।
संरक्षक मंत्रियों के पदों से लेकर अलग-अलग समीक्षा बैठकें करने, परियोजनाओं की निगरानी के लिए अलग-अलग चिकित्सा प्रकोष्ठ और ‘वॉर रूम’ बनाने तक के बीच मतभेदों के कारण, फडणवीस और शिंदे के बीच असहजता की खबरें थीं।
जब शिंदे से उनके ‘मुझे हल्के में न लें’ वाले बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह उन लोगों के लिए था जो उन्हें हल्के में लेते थे और उन्होंने उन्हें सबक सिखाया।
शिंदे ने उद्धव ठाकरे का परोक्ष संदर्भ दिया।
फडणवीस ने कहा, ‘‘मैं शिंदे को हल्के में नहीं लेता, इसलिए यह टिप्पणी उन लोगों के लिए थी जो उन्हें कम आंकते थे।’’
उन्होंने विधानसभा सत्र की पूर्व संध्या पर पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार करने के लिए विपक्ष पर भी निशाना साधा। विपक्ष के एक पत्र का हवाला देते हुए फडणवीस ने कहा, ‘‘यह नौ पन्नों का है। इसमें नौ विपक्षी नेताओं के नाम हैं, जिनमें से सात ने हस्ताक्षर किए हैं। उल्लेखित सभी मुद्दे समाचार पत्रों की रिपोर्टों पर आधारित हैं और अगर उन्होंने इन लेखों पर सरकार की प्रतिक्रिया पढ़ी होती, तो विपक्ष आधे पन्ने का पत्र भी नहीं लिख पाता।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को विपक्ष से बातचीत करनी चाहिए, जब हम उन्हें बातचीत के लिए बुलाते हैं, तो वे बहिष्कार कर देते हैं। बैठक में विपक्ष का कोई भी वरिष्ठ नेता मौजूद नहीं था। विपक्षी खेमे में ‘हम साथ-साथ हैं’ की जगह ‘हम आपके हैं कौन’ की नीति चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 मार्च तक चलने वाले सत्र के दौरान पांच विधेयक पेश किए जाएंगे और महिला सशक्तीकरण तथा संविधान पर दो चर्चा होंगी।
उन्होंने कहा कि सोयाबीन और तुअर की खरीद रिकॉर्ड मात्रा में की गई है। उन्होंने कहा, ‘हमें अतिरिक्त गोदाम खरीदने होंगे।’
विपक्ष द्वारा राकांपा मंत्रियों माणिकराव कोकाटे और धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोकाटे के बारे में फैसला अदालत के आदेश के बाद लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम मुंडे के इस्तीफे की मांग के बारे में पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं।’’
कृषि मंत्री कोकाटे को हाल ही में एक मजिस्ट्रेट की अदालत ने जालसाजी के एक मामले में दोषी ठहराया था और दो साल की जेल की सजा सुनाई थी।
नासिक की एक सत्र अदालत जिसने उनकी सजा को निलंबित कर दिया है, वह पांच मार्च को मजिस्ट्रेट के आदेश पर रोक लगाने की कोकाटे की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी।
बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली के एक मामले में अपने करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद मुंडे विपक्ष के निशाने पर हैं।
भाषा रंजन नरेश
नरेश